आइए जानते है मल्हनी विधान सभा किसकी होगी,कौन है कितने पानी में किसके सर होगा ताज


जौनपुर। जनपद की मल्हनी विधान सभा समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का बिषय बन गयी है। परिणाम तो 10 मार्च को सामने आयेगा लेकिन सपा का कब्जा बरकरार रखने के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित संरक्षक और बड़े नेताओ में शुमार प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार तीन दिनो तक मल्हनी के वोटरो को पटाने के लिए डेरा डालने का निर्णय ले रखा है। 
मिली जानकारी के अनुसार 02 मार्च को प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव पूरे दिन जन सम्पर्क करने आ रहे है तो 03 मार्च को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मल्हनी विधान सभा क्षेत्र के कोलाहलगंज बाजार में जन सभा करेंगे और प्रत्याशी के लिए वोट मांगेंगे। इतना ही नहीं 04 मार्च को खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मल्हनी विधान सभा क्षेत्र में जन सभा करेंगे। इस तरह इन नेताओ का दौरा तीन दिन तक लगातार मल्हनी विधान सभा में होना इस बात का संकेत करता है कि यह सीट सपा नेतृत्व के प्रतिष्ठा का बिषय बन गयी है। 
यहां बता दे कि मल्हनी विधान सभा सीट से विधायक लकी यादव सपा के प्रत्याशी है जिन्हे लोग अव्यवहारिक मानते है। वहीं पर उनके सीधे मुकाबले में बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह चुनाव के मैदान में है जो चुनवी शतरंज के माहिर खिलाड़ी है और मल्हनी में खुद पार्टी है लेकिन जद यू के टिकट पर चुनावी जंग में है। भाजपा बड़े राजनैतिक घराने एवं खांटी भाजपा परिवार के पूर्व सांसद कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ केपी सिंह को चुनाव मैदान मे लायी है। जो यहां की लड़ाई में बाहुबली नेता के मुकाबले सीधी टक्कर नहीं दे पा रहे है। 
हलांकि वोट बैंक के आधार पर यहां सपा सबसे मजबूत रहती है लेकिन धनंजय सिंह की चुनावी शतरंज के सामने कड़े मुकाबले की स्थिति बन गयी है। धनंजय सिंह चुनावी लड़ाई के शुरुआत में ही बसपा को मैदान से आउट कर दिया और दलित वोटो को अपने पक्ष में करने के लिए तिजोरी का मुंह खोल दिया है। हलांकि जब से मल्हनी विधान सभा का गठन हुआ है सपा का ही कब्जा रहा है। उसी को बरकरार रखने के लिए सपा तीनो महारथी तीन दिन तक मल्हनी में नजर आयेंगे। अब देखना है कि मल्हनी का मतदाता 10 मार्च को सपा के तीनो महारथियों के साथ नजर आता है या स्थानीय बाहुबली के सामने नतमस्तक दिखेगा। जो भी हो प्रतिष्ठा की सीट पर सपा और बाहुबली दोनो तरफ से कब्जा के लिए पूरी ताकत झोंक दिया गया है। 

Comments

Popular posts from this blog

पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने वापस ली याचिका ,हाईकोर्ट ने नए सिरे से जनहित याचिका दाखिल करने की दी अनुमति,जानें क्या है विवाद

ब्लाक प्रमुखों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संशोधित कानून पर हाईकोर्ट की मुहर, जानें क्या दिया आदेश

जानिए इंजीनियर अतुल सुभाष और पत्नी निकिता के बीच कब और कैसे शुरू हुआ विवाद, आत्महत्या तक हो गई