गलन और ठिठुरन के साथ बढ़ी ठन्ड, अलाव की व्यवस्था अपर्याप्त, लोग घरो में दबकने को मजबूर
जौनपुर। आज नए साल को सूरज की पहली किरण देखने को लोग सुबह तरस गए, दरअसल आसमान पूरा घने कोहरे और बदली के साथ धुंधले में कैद नजर आया। वातावरण में चारों ओर कोहरा और गलन की वजह से ठंडक की कैद में नजर आया। मौसम विज्ञानियों के अनुरूप ही गलन का जारी असर अभी भी बरकरार है। नए साल में ठंडक और गलन का असर होने के साथ ही वातावरण में पारे में भी उतार चढ़ाव का दौर चल रहा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में कोहरा और ओस का दौर गलन में और भी इजाफा करेगा। इसके अलावा कुछ इलाकों में पाला भी पड़ सकता है।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से छह डिग्री कम दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। आर्द्रता अधिकतम 95 फीसद और न्यूनतम 83 फीसद दर्ज की गई। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार पूर्वांचल में घना कोहरा और बादलों की सक्रियता बनी हुई है। जबकि पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ का एक और झोंका इन दिनों गुजर रहा है। इसका असर एक दो दिनों में पूर्वांचल तक आएगा तो गलन और भी बढ़ेगी।
पूर्वांचल में गलन और कोहरा होने के साथ ही तापमान में उतार चढ़ाव का दौर भी है। हालांकि, न्यूनतम पारा 17.5 डिग्री के करीब होने का अर्थ यही है कि दिन का तापमान भी अब गिरकर कम हो चुका है। ऐसे में रात के अलावा दिन भी सर्द हो चले हैं। माना जा रहा है कि मौसम का यही रुख बना रहा तो गलन का दौर काफी दिनों तक बना रह सकता है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि इस बार ठंड का रुख अधिक समय तक बना रह सकता है। इसके पीछे मौसमी बदलाव अधिक जिम्मेदार माना जा रहा है।
बताते चले इस भीषण गलन और ठिठुरन भरी ठन्ड में सरकारी स्तर से अलाव जलाने की पर्याप्त व्यवस्था न किये जाने से खास कर श्रमिक तपके के लोंगो को भारी कठिनायी का सामना करना पड़ रहा है। गलन बढ़ने के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गये है।
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