आयुर्वेद में वनस्पतियों का महत्व: आइए जानते है पारिजात में कितने है औषधीय गुण
कोरोना महामारी के बाद लोगो की जागरूकता आयुर्वेद की तरफ काफी तेजी से बढ़ी है क्योंकि ऋषि मुनि के राज वैद्य भी इन्ही पौधों से पुरातन काल मे लोगों का इलाज करते थे तो आइए कुछ पौधों के औषधीय गुणों के बारे में जानते है। पारिजात को हरसिंगार, रात की रानी, शेफाली, शिउली आदि नामों से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम 'निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस' है और अंग्रेजी में इसे नाइट जैस्मीन कहते हैं।
पारिजात का हिंदू धर्म में विशेष और पवित्र स्थान है। कहते हैं कि पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी और यह देवताओं को मिला था। यह वृक्ष देवताओं को सबसे ज्यादा प्रिय होता है। इसलिए जिसके घर में यह पेड़ होगा, उस घर में देवताओं का वास होता है। वहां कभी भी दरिद्रता नहीं आती। पारिजात का पेड़ बहुत खूबसूरत होता है।
पारिजात के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में प्रयोग किया जाता है। इसलिए इस मनमोहक और सुगंधित पुष्प को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस वृक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि पारिजात को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है। पारिजात के पत्ते,फूल और छाल सभी काम के हैं। इससे साइटिका और ऑर्थराइटिस के दर्द को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा इसके पत्ते में पेट के कीड़ों की मारने की क्षमता होती है। साथ ही इसके पत्ते सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद होते हैं।हरसिंगार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। ये गठिया, जोड़ों का दर्द और बुखार के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप पारिजात के पत्ते, छाल और फूल से काढ़ा बना सकते हैं। सर्दी, खांसी और साइनस के लिए इसे चाय की तरह पिएं।
औषधीय उपयोग की दृष्टि से तुलसी की पत्तियां ज्यादा गुणकारी मानी जाती हैं। इनको आप सीधे पौधे से लेकर खा सकते हैं।
तुलसी के पत्तों की तरह तुलसी के बीज के फायदे भी अनगिनत होते हैं। आप तुलसी के बीज के और पत्तियों का चूर्ण भी प्रयोग कर सकते हैं। इन पत्तियों में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और रक्त को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके अलावा तुलसी के पत्ते का फायदे बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियां, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण आदि में बहुत फायदेमंद हैं। तुलसी के औषधीय गुणों में राम तुलसी की तुलना में श्याम तुलसी को प्रमुख माना गया है। आइये तुलसी के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत के अधिकांश घरों में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। हमारे ऋषियों को लाखों वर्ष पूर्व तुलसी के औषधीय गुणों का ज्ञान था इसलिए इसको को दैनिक जीवन में प्रयोग हेतु इतनी प्रमुखत से स्थान दिया गया है। आयुर्वेद में भी तुलसी के फायदों का विस्तृत उल्लेख मिलता है। आइये तुलसी के गुणों, तुलसी के उपयोग और आयुर्वेदिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तुलसी- (ऑसीमम सैक्टम) एक द्विबीजपत्री तथा शाकीय, औषधीय पौधा है। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आंगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं।भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है।
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