सपा गठबंधन से अपना दल (कमेरावादी) को जौनपुर सहित पूर्वांचल की ये सीटें मिली

सपा गठबंधन से चुनाव लड़ रहे अपना दल (कमेरावादी) के हिस्से में पूर्वान्चल की सात सीटें आईं हैं। इसमें वाराणसी की रोहनिया व पिंडरा, मीरजापुर की मडि़हान, सोनभद्र की घोरावल और जौनपुर की मडिय़ाहूं सीट शामिल है। प्रतापगढ़ सदर, प्रयागराज पश्चिम सीट भी पार्टी के हिस्से आई है। पार्टी इनमें से कुछ सीटों पर 2017 का चुनाव लड़ी थी लेकिन पार्टी संस्थापक सोनेलाल पटेल के बाद चुनाव विवाद के कारण अपना दल (कृष्णा) के प्रत्याशी निर्दल हो गए थे। इस बार पार्टी अपना दल (कमेरावादी) के रूप में पंजीकृत है। गठबंधन ने पूर्वांचल की कुर्मी, पटेल बाहुल्य इन सीटों पर जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए लड़ाई को त्रिकोणीय करने का प्रयास किया है।
अद (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल स्वयं 2017 का चुनाव रोहनिया से ही लड़ी थीं। निर्दल प्रत्याशी के रूप में वह 9,549 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहीं। यह वही रोहनियां सीट है जिस पर अपना दल(एस) की अध्यक्ष और सोनेलाल पटेल की बेटी अनुप्रिया पटेल 2012 में विजयी हुईं थीं। बाद में उनका भाजपा से गठबंधन हो गया। दूसरी सीट जो पिंडरा अद (कमेरावादी) के खाते में आई है उस पर भी प्रत्याशी उतारा गया था लेकिन निर्दल होने के बाद उसने नाम वापस ले लिया। यह सीट पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहीं (कोलअसला) से सोनेलाल पटेल भी चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हास का सामना करना पड़ा था। जौनपुर की मडिय़ाहूं सीट पर पार्टी की प्रत्याशी सीमा सिंह ने चौथे स्थान पर रहते हुए 21,440 वोट प्राप्त किया था। मीरजापुर की मडि़हान सीट और सोनभद्र की घोरावल सीट इस बार गठबंधन को जरूर मिली है लेकिन पूर्व में कोई प्रत्याशी नहीं लड़ा था।
ललितेशपति की बढ़ी मुश्किल : कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल ललितेशपति त्रिपाठी को सपा की तरफ से मडि़हान सीट से समर्थन की बात सामने आई थी। इसे स्वयं ललितेशपति ने स्वीकारा था। अब सपा ने गठबंधन में अपना दल को दे दिया है तब उनके लिए मुश्किल हो गई है।

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