जूता और रेडीमेड कपड़े पर बढ़ी जीएसटी को लेकर व्यापारी आन्दोलन की राह पर
सरकार द्वारा रेडीमेड कपड़ो और जूते पर 01 जनवरी 22 से जीएसटी की वृद्धि किये जाने के एलान के बाद अब व्यापारी सड़क पर उतरकर आन्दोलन करने को मजबूर हो गये है। आन्दोलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से हुई है। खबर है कि काशी रेडिमेंट गारमेंट्स एसोसिएशन वाराणसी के द्वारा सोमवार को दोपहर में कपड़े रेडीमेड व जूते पर जीएसटी वृद्धि के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। हाल ही में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में 1000 रुपये तक की रेडीमेड वस्त्रों एवं फुटवियर की दरों में परिवर्तन करते हुए 1 जनवरी 2022 से 5फीसद से बढ़ाकर 12फीसद करने का कानून बनाया गया है। इस जीएसटी की दरों मैं परिवर्तन से खुदरा एवं थोक विक्रेताओं के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जिससे व्यापार पहले से ही खराब है वह और भी कमजोर हो जाएगा ।
वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते लाकडाउन की मार सबसे ज्यादा छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारियों व जनता को फर्क पड़ा है । आपको यह उल्लेख करना भी बेमानी नहीं होगा कि देश की आबादी का एक बहुत बड़ा वर्ग इसी श्रेणी के परिधान व फुटवियर खरीदता है ,जबकि दो वर्ष पूर्व इस व्यवसाय में जीएसटी की विषमताओं एवं कठिनाइयों को देखते हुए इन्हीं वस्तुओं पर टैक्स की दरों में 12 व 18 से घटाकर 5फीसद किया गया था , उपरोक्त निर्णय के फलस्वरुप कर संग्रह और बिक्री में भारी वृद्धि देखी गई थी व कई कंपनियों को बाध्य होकर 1000 तक की एमआरपी श्रृंखला में उत्पाद पेश करने हेतु मजबूर होना पड़ा था ,फलस्वरूप दी गई कर छूट से सरकार , निर्माता, व्यापारी एवं जनता जनार्दन अत्यंत अत्याधिक लाभान्वित हुई थी।
विडंबना यह है की कि जो निर्णय दो वर्ष पूर्व व्यापारियों को और जनता जनार्दन को सुगमता प्रदान करने के लिए दिया गया था वह अचानक पूर्ववर्ती टैक्स की दरों पर पहुंचा दिया गया, जोकि देश के सारे निर्माता ,व्यापारी एवं जनता जनार्दन के लिए अत्यंत कष्टकारी है।
जीएसटी परिषद में टैक्स पुनर्गठन की आड़ में जो एक जनवरी 2022 से परिधानों एवं फुटवियर की दरों में वृद्धि का निर्णय किया है जोकि पूर्णतः अनैतिक,अव्यवहारिक एवं अविवेकपूर्ण है। सबसे बड़ी विडंबना है कि इस कानून के लागू होने के बाद व्यापारियों को 1 जनवरी 2022 तक बिना बिके बचे हुए अंतिम स्टॉक पर अपने पास से जीएसटी की परिवर्तित दरों का अधिक भुगतान करना होगा,जोकि कही से भी न्यायसंगत नही है । फेम इस तरह की बढ़ोतरी का कड़ा विरोध करता है ।
महानगर उद्योग व्यापार समिति के संरक्षक श्रीनारायण खेमका, अध्यक्ष प्रेम मिश्रा, महामंत्री अशोक जायसवाल, काशी रेडिमेड गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेश जायसवाल, महामंत्री कैलाश यादव कोषाध्यक्ष अनिल कुमार सेठ (अनु) ,दीपक वासवानी, युवा अध्यक्ष मनीष चौबे, अंजनी मिश्रा, श्री व्यापार मंडल पांडेपुर अध्यक्ष ह्रदय गुप्ता, सतीश गुप्ता, विजय मल्होत्रा, कृष्ण मोहन पिंटू, शैलेंद्र जयसवाल, मनु जजानी, आनंद सोनकर, कमल रूपानी, शिवा अग्रहरी, अमरीश निगम, विजय जयसवाल भोजूबीर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता, किशन सेठ आदि लोग उपस्थित थे।
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