नमामि गंगे अमृत योजना के वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच अब पहुंची विधान परिषद समिति के पास,मचा हडकंप

 

जौनपुर । जौनपुर में नमामि गंगे और अमृत योजना के तहत कराए जा रहे एसटीपी व  सीवर कार्य में  तकनीकी गड़बड़ी एवं वित्तीय भ्रष्टाचार का मामला विधान परिषद की समिति में पहुंचने के बाद अब लखनऊ से जौनपुर पहुंची जांच की आंच से जिले में हड़कंप मच हुआ है । स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता की शिकायत पर विधान परिषद सदस्य एवं समिति के सभापति विद्यासागर सोनकर ने 18 नवंबर 2021 को लखनऊ स्थित विधान भवन में इस मामले की सुनवाई की । सुनवाई के दौरान जब जांच समिति के सदस्यों द्वारा उपस्थित अधिकारियों से मामले के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया तो प्रदेश सरकार के आला अधिकारी बगले झांकने लगे । इसी बीच शिकायतकर्ता गौतम गुप्ता ने  एस टी पी और अमृत योजना के अलावा रिवर फ्रंट की ड्राइंग और डिजाइन पर सवाल खड़ा करते हुए इसे गोमती नदी, पर्यावरण व  राष्ट्रीय धरोहर ऐतिहासिक शाही पुल के हितों के विपरीत बताया । समिति के सदस्यों ने एसटीपी और अमृत योजना के अलावा रिवर फ्रंट मामले में नमामि गंगे और जल निगम के उच्च अधिकारियों से अगली बैठक में स्पष्टीकरण व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है । अधिकारियों ने स्पष्टीकरण और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए समिति से 2 माह का समय मांगा 
 जिस पर समिति  ने 14 दिन का समय देते हुए 1 दिसंबर को सभी साथियों और स्पष्टीकरण के साथ उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया है|  विधान परिषद की समिति द्वारा एसटीपी मामले में तकनीकी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में जांच से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने जौनपुर में नमामि गंगे के तहत हो रहे एसटीपी व अमृत योजना के तहत हो रहे सीवर कार्य मे व्याप्त गम्भीर भ्रष्टाचार की शिकायत विधान परिषद की उच्च स्तरीय समिति में की थी । जिस पर विधान परिषद की "निगमों व निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने की समिति" द्वारा 18 नवंबर 2021 को अपर मुख्य सचिव नगर विकास, प्रबंध निदेशक जल निगम समेत संबंधित विभाग के सभी आला अधिकारियों को तलब किया गया था  । समिति द्वारा बुलाई गई बैठक में अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दूबे व प्रबन्ध निदेशक जलनिगम उ0प्र0 आलोक कुमार तृतीय समेत उ0प्र0 जलनिगम के सभी आला अधिकारी और जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में मुख्य राजस्व अधिकारी रजनीश राय मौजूद रहे। समिति के सभापति  विद्यासागर सोनकर  द्वारा मामले पर सवाल पूछे जाने पर सम्बंधित अधिकारियों द्वारा साक्ष्य इकट्ठा करने हेतु 2 माह का समय मांगा गया । जिसपर समिति के सभापति  विद्यासागर सोनकर व सदस्य बृजेश सिंह प्रिंशु  ने मामले को जानबूझकर लटकाए जाने की गम्भीर आपत्ति दर्ज कराते हुए साक्ष्यों को प्रत्येक दशा में 14 दिन के भीतर इकट्ठा कर 1 दिसम्बर को होने वाली समिति की अगली नियत बैठक में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया, साथ ही स्वच्छ गोमती अभियान की शिकायत पर जौनपुर शहर में नमामि गंगे योजना से प्रारम्भ हुए रिवर फ्रंट कार्य की डिजाइन व' ड्राइंग पर भी गम्भीर सवाल खड़े किए गए । जिसपर समिति द्वारा संज्ञान ग्रहण कर इस मामले पर भी अगली बैठक में विभाग से स्पष्टीकरण मांगा है। समिति के अन्य सदस्यों में भाजपा एमएलसी रविशंकर सिंह "पप्पू", सीपी चंद के अलावा समिति के अन्य कई सदस्य मौजूद रहे ।

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