रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी राजेश पान्डेय अब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और यूपीडा के बने सिक्योरटी अफसर
अवकाश प्राप्त आइपीएस अधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय को अब उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पूर्वांचल एकसप्रेस-वे के साथ ही यूपीडा का नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर नियुक्त किया है। पुलिस महानिरीक्षक पद से सेवानिवृत राजेश कुमार पाण्डेय ने लखनऊ में अपना कार्यभार भी संभाल लिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस में एसटीएफ के गठन के बाद से बेहद खतरनाक ऑपरेशन में बेहद सक्रिय रहे राजेश कुमार पाण्डेय श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ अन्य दर्जनों खतरनाक अपराधियों के एनकाउंटर के बाद बेहद चर्चित रहे। उनको योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपीडा और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर नियुक्त किया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय मानक का सिक्योरिटी प्लान बना रही है। राजेश कुमार पाण्डेय को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इसके नेतृत्व में सुरक्षा बल यूपीडा तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर किसी भी प्रकार की आपराधिक घटनाओं तथा हादसों में पुलिस को जल्द से जल्द पुलिस मदद मुहैया कराएगी।
मूलत: प्रयागराज के राजेश कुमार पाण्डेय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 1982 में वनस्पति विज्ञान में एमएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद 1984 में यूजीपी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आइएआरआइ पूसा इंस्टीट्यूट में जूनियर तथा सीनियर रिचर्स फेलो के रूप में अनुसंधान किया। 1986 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर डिप्टी एसपी बने। वह सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़ और लखनऊ में सीओ के पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद एसपी सिटी लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ और अतिरिक्त एसपी बाराबंकी के रूप में भी तैनात किया गया था। भारतीय पुलिस सेवा (2005 आईपीएस के बैच) में शामिल होने के बाद उनको रायबरेली और गोंडा में पुलिस अधीक्षक और सहारनपुर, लखनऊ, अलीगढ़ और मेरठ में एसएसपी के रूप में तैनात किया गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश में पुलिस उप महानिरीक्षक (सुरक्षा) के पद पर तैनात किया गया था। राजेश कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश एसटीएफ के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और एटीएस (आतंकवाद विरोधी दस्ते) में लम्बे समय तक काम किया। उनको उत्तर प्रदेश पुलिस में सर्विलांस सिस्टम शुरू करने का भी श्रेय है।
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