अपहरण-रेप के मामले जेल गए पूर्व विधायक को आधी रात तक नींद नहीं, सीसीटीवी से निगरानी


छात्रा के अपहरण-बलात्कार के मामले में अदालत से दोषी करार दिये जा चुके  योगेंद्र सागर को अस्थाई जेल में रखा गया। वहां जेल मैनुअल के मुताबिक रात लौकी की सब्जी व चने की दाल के साथ रोटी बनाई गयी थी। अन्य बंदियों और कैदियों की तरह उनके सामने भी यही भोजन परोसा गया। यह खाना खाकर आधी रात तक योगेंद्र सागर को नींद नहीं आयी। वजह है कि अस्थाई जेल के आसपास रातभर हार्न बजाते हुये भारी वाहन गुजरते रहे और रही बची कसर तो हल्की सर्दी ने पूरी कर दी। उन्हें जेल में बिछाने व ओढ़ने के लिए दरी समेत दो कंबल दिये गये। उस पर भी मच्छरों ने अपना कहर अलग से बरपाया। कुल मिलाकर जेल में  बीती रात योगेंद्र की उम्र की सबसे खराब रातों में से एक थी।
पूर्व विधायक की मुश्किलें अब बढ़ चुकी हैं, अदालत ने दोषी करार दिया। पूर्व विधायक अस्थाई जेल में परेशान दिखे। पहले से ही वह डायबिटिक और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से घिरे हुए हैं। एलर्जिक भी हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी दवाएं नियमित रखीं। डॉक्टरों की टीम भी रविवार को अस्थाई जेल पहुंची और सभी कैदी-बंदियों की तरह उनका भी स्वास्थ्य परीक्षण किया। कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी जानकारी जुटाई तो पता लगा कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया हो चुकी है। डॉक्टरों ने उनकी दवाएं आदि देखीं और उन्हें नियमित लेने को कहा।
सीसीटीवी से भी निगरानी जारी।
जेल में लगे कैमरों का रुख पहले से ही अस्थाई जेल की ओर मोड़ दिया गया है। ताकि वहां होने वाली हर गतिविधि की अफसरों को टोह मिलती रहे। जबकि विधायक योगेंद्र सागर के पहुंचने के बाद कैमरों से निगरानी और बढ़ा दी गयी है। जेल में आने-जाने वाले तो दूर वहां आसपास खड़े होने वालों को भी देखा जा रहा है। पीएसी पहले से ही तैनात है और जो भी वहां जाता है, पीएसी के जवान उसे बुलाकर पूछताछ के बाद जाने को कहते हैं। यह भी हवाला देते हैं कि सीसीटीवी से निगरानी जारी है।

Comments

Popular posts from this blog

सद्भावना क्लब के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मोहम्मद रज़ा खान का जोरदार स्वागत

पृथ्वीराज चौहान के वंशजों ने वापस ली याचिका ,हाईकोर्ट ने नए सिरे से जनहित याचिका दाखिल करने की दी अनुमति,जानें क्या है विवाद

वृक्षारोपण अभियान का जानें क्या है असली सच, आखिर रोपित पौध सुरक्षित क्यों नहीं बच सके