नेवढ़ियां थाना क्षेत्र में काफी समय से चल रहे नकली नोट के धन्धे पर अब पड़ी पुलिस की नजर, 09 गिरफ्तार 74100 जाली नोट बरामद

 



जौनपुर। जनपद के थाना नेवढ़ियां और स्वाट टीम की पुलिस द्वारा बीती रात लगभग 03 बजे भोर में नेवढ़िया थाना क्षेत्र के जवन्सीपुर पार्क के पास जाली नोट के साथ नौ कारोबारी अपराधियों को एक साथ की गयी गिरफ्तारी से इस बात की पुष्टि हो गयी कि जिले में फेंक करेंसी ( जाली नोट) का कारोबार विगत काफी समय से चल रहा है। जैसा कि अपर पुलिस अधीक्षक के बयान से स्पष्ट होता है। लेकिन पुलिस की नजर अब पड़ी है।
इस संदर्भ में पुलिस का कथन है कि रात में गस्त कर रही पुलिस को जवन्सीपुर पार्क के पास नकली नोट के कारोबारियों को होने की खबर मिलने पर थाना प्रभारी नेवढ़िया कमलेश कुमार और स्वाट टीम प्रभारी आदेश त्यागी पुलिस बल के साथ दबिस दिया तो पार्क के पास मौजूद नकली नोट के करोबार में संलिप्त अपराधियों ने पुलिस पर फायर कर दिया पुलिस भी जबाबी कार्यवाई करते हुए कुल 09 नकली नोट के तश्करो को गिरफ्तार कर उनके पास से 74100 रूपये नकली नोट बरामद किया है। साथ ही एक रिवाल्वर एवं कारतूस आदि भी बरामद हुआ है।
इस संदर्भ में अपर पुलिस अधीक्षक सिटी मीडिया से आज रूबरू होते हुए बताया कि पकड़े गए बदमाशो ने खुद स्वीकार किया कि नकली नोट को नैपाल से लाकर यहां पर विगत काफी समय से चलाया जा रहा था। इस अपराधिक खेल का मुख्य आरोपी जो नैपाल से नकली नोट लाने का काम करता था वह पुलिस की पकड़ से दूर है। पकड़े गये लोग यहां पर नकली नोट चलाने का काम करते थे। इनको इस अपराधिक कार्य करने का 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था। अब पुलिस के अधिकारी भी मान रहे है कि यह कारोबार बहुत दिनो से चल रहा था इसकी अब जांच की जा रही है।
पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तो की पहचान 1- नौशाद उर्फ पप्पू अंसारी थाना नेवढ़िया, 2- मुलायम यादव थाना मीरगंज, 3-राम कृपाल यादव थाना पंवारा, 4- सत्यम तिवारी थाना मछलीशहर, 5- सुबाष पान्डेय थाना मुंगराबादशाहपुर ,6- जितेन्द्र कुमार सिंह उर्फ शनी थाना सिकरारा, 7- पिन्टू शर्मा उर्फ रिंकू थाना मड़ियाहूँ 8- राम विलास सरोज थाना नेवढ़िया, 9- आशीष शर्मा थाना सुजानगंज के रूप में करते हुए सभी के खिलाफ मुअसं 144, 145, से तमाम धाराओ में 420, 467, 468, 471, 489बी,489सी,एवं 307 तथा 3/25 आर्म्स एक्ट आदि के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है।



पुलिस की इस गिरफ्तारी और अधिकारियों के बयान से यह तो प्रमाणित होता है कि नैपाल से नकली नोट लाकर यहां जनपद के दक्षिणांचल में  काफी समय से चलाया जा रहा है। यहां पर सवाल पुलिस को लेकर खड़ा होता है कि आखिर अब तक इस अपराधिक कारोबार से इलाके की पुलिस बेखबर क्यों और कैसे रही है। इसके पीछे का सच क्या है। अगर सचमुच नकली नोट का धन्धा चला रहा था तो पहले अपराध करने वालो को जेल की सलाखों के पीछे क्यों नहीं भेजा गया था ?।

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