गोरखपुर के बाद अब बुलंदशहर में खाकी के पुलिसिया गुन्डई का कारनामा आया सामने
गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद अब यूपी पुलिस खाकी का अब नया कारनामा बुलंदशहर में सामने आया है। कोतवाली सिटी में तैनात एक एडिशनल इंस्पेक्टर ने बगैर अफसरों की अनुमत्ति के एक ताला व्यापारी की कंपनी में दबिश दी। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने व्यापारी का अपहरण कर लिया और उनके साथ मारपीट की। यहां तक उनके मुंह में पिस्टल भी डाल दी। हलांकि इस मामले में इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं। लेकिन कुछ बोल नहीं रहे है।
कोतवाली सिटी में तैनात एडिशनल इंस्पेक्टर अजय कुमार बिना अफसरों की सूचना दिए ही ताला व्यापारी की कंपनी पहुंच गए। जिसके बाद मौके पर हंगामा खड़ा हो गया। मामले की जानकारी अलीगढ़ पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची अलीगढ़ पुलिस को एडिशनल इंस्पेक्टर ने खुद को बुलंदशहर सिटी कोतवाली का प्रभारी बताया और अपना परिचय पत्र दिखाया। इसके बाद बुलंदशहर पुलिस व्यापारी को स्कॉर्पियो में डालकर ले आई, लेकिन खुर्जा पहुंचने के बाद पुलिस ने व्यापारी को हरदुआगंज अलीगढ़ पुलिस स्टेशन छोड़ गई। इस मामले में पीड़ित ने आईजी मेरठ से शिकायत की। आईजी ने बुलंदशहर एसएसपी को मामले की जांच सौंपी। जांच में एडिशनल इंस्पेक्टर अजय कुमार की भूमिका संदिग्ध मिली। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि एडिशनल इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है।
एसएसपी के मुताबिक, 16 सितंबर को राजीव कुमार नाम के शख्स ने अलीगढ़ के अभिषेक तिवारी के खिलाफ बुलंदशहर सिटी कोतवाली में 6.60 लाख रुपये के चेक बाउंस का एक मामला दर्ज कराया था। इसी मामले में आला अधिकारियों की अनुमति के बगैर एडिशनल इंस्पेक्टर अजय कुमार गिरफ्तारी के लिए अलीगढ़ गए थे। एसएसपी ने बताया कि चेक बाउंस के मामले में पुलिस को गिरफ्तारी नहीं कर सकती है। फिर भी एडिशनल इंस्पेक्टर गिरफ्तारी के लिए गए। इसलिए इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। अलीगढ़ हरदुआगंज थाने में इंस्पेक्टर अजय कुमार समेत तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा हुआ दर्ज।
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