सत्य अहिंसा के बल पर किसी पर मिल सकती हे विजय, सर्वधर्म समभाव सर्वोत्तम दर्शन: कुलपति प्रो निर्मला एस.मौर्य

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के रोवर्स रेंजर्स इकाई द्वारा गांधी जयंती के अवसर पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में  गांधीवादी चिंतन की प्रासंगिकता" का ऑनलाइन माध्यम से आयोजन किया गया । संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सत्य और अहिंसा के बल पर किसी पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। सर्वधर्म समभाव गांधी जी का सर्वोत्तम दर्शन था । गांधी जी द्वारा बताए गए एकादश व्रत सभी मनुष्य को जीवन में अपनाना चाहिए l बतौर मुख्य अतिथि डॉ पंकज सिंह, सहायक प्राध्यापक, डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर, मध्य प्रदेश ने अपने उद्बोधन मैं कहा कि  गांधी जी की प्रासंगिकता आज भी है। समग्र ग्रामीण विकास हो और निर्धन से निर्धन व्यक्ति को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। गांधीजी का मानना था कि युवाओं में स्वरोजगार  से ही आर्थिक निर्भरता लाई जा सकती है, जिससे ग्रामीणों का शहर की ओर पलायन रोका जा सकेl  जहां  भागवत गीता और उपनिषदों का प्रभाव उनके विचारों में परिलक्षित होता है वहीं दूसरी ओर वह महावीर और गौतमबुद्ध से भी प्रभावित थे। गांधीजी तकनीकी उपयोग को एक सीमा तक ही उचित मानते थे l वे कहते थे कि पाप से घृणा करो, पापी से नहीं। कार्यक्रम के आयोजन सचिव तथा रोवर्स रेंजर्स के संयोजक डॉक्टर जगदेव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गांधीवादी चिंतन से ही युवाओं में नई ऊर्जा का संचार किया जा सकता है । राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ राकेश यादव ने अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर मीता सरल ने किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा एवं तमिलनाडु से लगभग 100 से अधिक प्रतिभागी जुड़ेl इस कार्यक्रम में जनपद के रोवर्स रेंजर्स के संयोजक डॉ  शफी उज्जमा, डॉ अमरजीत, डॉ मनोज कुमार मिश्र, डॉ अजय कुमार दुबे, डॉ रामेश्वर प्रसाद , डॉ  देवराज सिंह, डॉ जाह्नवीू श्रीवास्तव, डॉ हूर तलअत, डॉक्टर आर एन मिश्रा, डॉ चंद्रकांत दत्त शुक्ला, आदि उपस्थित रहे। तकनीकी सहयोग डॉ राजमणि यादव ने प्रदान किया।


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