गांधी के एकादश व्रत को जीवन में आत्मसात करने की है जरूरत - कुलपति प्रो निर्मला एस.मौर्य
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के साथ ही विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर गांधी वाटिका में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया। महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में रामधुन गाया गया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य ने कहा गांधीजी के एकादश व्रत को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा धर्म मानव धर्म है। व्यक्ति को सदैव ऐसे कृत करना चाहिए कि सभी के चेहरे पर मुस्कान रहे। उन्होंने कहा कि अजब संयोग है आज चार चार दिवस है । महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस, और अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस। ऐसे में आज के दिन की महत्ता और भी बढ़ जाती है। उन्होंने स्थापना दिवस के अवसर पर स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह को याद करते हुए उन्हें नमन किया।
रामधुन की टीम में रमेश पाल राज नारायण सिंह, जगदंबा मिश्र, सुनील सिंह और रविंद्र तिवारी थे। गांधी वाटिका में कुलपति, कुलसचिव, प्रोफेसर समेत विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने माल्यार्पण किया। संचालन अशोक सिंह ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, प्रो.बीबी तिवारी, प्रो.वंदना राय, प्रो. देवराज सिंह, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ.रसिकेश, डॉ. प्रमोद यादव, डा सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ मनोज पांडेय, डॉ. अमरेंद्र सिंह, कर्मचारी संघ अध्यक्ष रामजी सिंह और महामंत्री स्वतंत्र कुमार समेत आचार्य, सह आचार्य, सहायक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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