मशरूम का उत्पादन करके आय बढ़ाने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ शुरू,जानें कैसे होगा लाभ
जौनपुर। राष्ट्रिय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम) व टेक्निकल सपोर्ट यूनिट कृषि विभाग उत्तर प्रदेश (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित) के संयुक्त तत्वाधान से कृषि विज्ञान केंद्र, बक्शा, जौनपुर द्वारा एन.आर.एल.एम की महिला समूह के सदस्यों को मशरूम उत्पादन के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गयी। इस सन्दर्भ में जिले की धर्मापुर कृषक प्रोडूसर कंपनी, एन.आर.एल.एम एवं बेसिक शिक्षा विभाग के मध्य त्रिपक्षीय एम.ओ.यू हस्ताक्षरित किया गया था। जिसके अंतर्गत जिले में एम.डी.एम. परियोजना के तहत मशरूम के एकीकरण के लिए समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित मशरूम को स्कूल में सप्लाई किये जाने की योजना है।
मशरूम में पोष्टिक तत्वों की प्रचूरता होती है, इसके मध्यान भोजन में सम्मिलित होने से बच्चों को पोष्टिक आहार भी मिलेगा वही समूह की “महिलाओं की आय दोगुनी” होगी। जिले में समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित मशरूम की आपूर्ति एफपीसी द्वारा की जाएगी।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार कन्नौजिया ने बटन मशरुम और ओएस्टर मशरुम के उत्पादन करने हेतु विस्तार से चर्चा किया, ओएस्टर मशरुम के उत्पादन में लगने वाले सामग्री एवं तापक्रम के बारे में चर्चा की जानकारी दी, राजीव कुमार सिंह-उद्यान वैज्ञानिक ने बटन मशरुम उत्पादन में ऋतु जलवायु एवं मौसम के बारे में समूह की महिलाओं को जानकारी दी, एवं डा. अनिल कुमार ने विभिन्न प्रकार के मशरुम प्रजातियों एवं उत्पादन में उत्पादन सामग्री के बारे में जानकारी देने के साथ ही बटन मशरुम की बिजाई विधि एवं सावधानियों की भी जानकारी दी।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)- डिप्टी कमिश्नर ओम प्रकाश यादव ने महिलाओं की सशक्तिकरण एवं मशरुम उत्पादन कर समूह की महिलाओं की आय दोगुनी करने हेतु चर्चा की, एनआरएलएम से जिला मिशन प्रबंधक गुलाब चन्द्र सरोज ने समूह की महिलाओं को अधिक से अधिक मशरुम लगाकर आय में वृद्धि करने हेतु जानकारी दी।
इसी प्रकार से धर्मापुर किसान उत्पादक कंपनी की श्रीमती संध्या सिंह जी ने मशरुम उत्पादन के उपरांत बेहतर बाजार उपलब्ध कराने हेतु समूह की महिलाओं को अस्वस्थ किया जिससे महिलाओं को आने वाले समय में मशरुम बेचने हेतु समस्या नहीं होगी क्योंकि बक्शा ब्लाक के प्राथमिक एवं अप्पर-प्राथमिक विद्यालयों के मिड-डे मिल के भोजन के रूप में सम्मिलित कर लिया गया है, इसके साथ ही साथ किसान उत्पादक कंपनी मशरूम का मूल्य संवर्धन करते हुए सदस्यों को बेहतर मार्केट दिलाने में प्रमुख भूमिका निभएगी।
यह प्रशिक्षण महिला सशक्तिकरण की दिशा में आत्म-सम्मान से आत्म-निर्भरता की ओर एक अभिनव पहल जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा एवं मुख्य विकास अधिकारी अनुपम शुक्ला के दिशा-निर्देश में की जा रही है। इस कार्यक्रम में टेक्निकल सपोर्ट यूनिट कृषि विभाग उत्तर प्रदेश (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित) से प्रदीप कुमार, चित्रलेखा धर और पी. पेट्रिसिया, धर्मापुर कृषक कंपनी से सुजीत सिंह और कृषि विज्ञानं केंद्र से पंकज कुमार ने भाग लिया।
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