मनीष गुप्ता हत्याकांड में पुलिस की दलील पर जानें कैसे भारी पड़ गयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट, सच से उठा पर्दा



कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या को हादसा बताने वाली पुलिस की दलील पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भारी पड़ रही है। दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के दौरान पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट चीख—चीख कर पुलिस की बर्बरता की कहानी बता रही है। मनीष के शरीर पर चोट के चार निशान हैं। सिर में 5 गुणे 4 सेमी में चोट का गहरा निशान है जो मनीष के लिए जानलेवा बना। पोस्टमार्टम रिपोर्ट बता रही है कि मनीष की मौत पुलिस की बर्बर पिटाई से हुई है।
कारोबारी मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट के अलावा शरीर पर घाव के निशान सामने आए हैं। रिपोर्ट यह बताने के लिए पर्याप्त है कि चोट के निशान गिरने के बाद के नहीं हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मनीष गुप्ता के शरीर पर गंभीर चोटों के 4 निशान हैं। सिर के बीच में 5 सेमी बाई 4 सेमी की चोट है। इसी चोट से मनीष की मौत हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि मनीष के दाहिने हाथ की कलाई पर डंडा मारने का भी निशान है। इसके अलावा बांई आंख की ऊपरी परत पर चोट के निशान मिले हैं। गहरे चोट पिटाई की तरफ कर रहे इशारा ।
एक्सपर्ट बताते हैं कि तेजी से गिरने से हड्डी फ्रैक्चर हो सकती थी, शरीर में चोट लगने से ब्लड क्लाटिंग की संभावनाएं भी बनती हैं, लेकिन गहरे चोट के निशान कुछ और ही इशारा कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ है कि सभी चोट मौत के पहले की है। हालांकि पुलिस ने बिसरा रिपोर्ट के लिए पार्ट को सुरक्षित करा लिया है। माना जा रहा है कि पुलिस ने इसे अपने बचाव के लिए ऐसा किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर क्या कह रहे विशेषज्ञ व्यापारी मनीष गुप्ता के साथ हुई बर्बरता की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कर रही है। रिपोर्ट सामने आने के बाद न्यूज ट्रैक ने जब पोस्टमार्टम के विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने पुलिस के रवैये पर घोर आश्चर्य किया। विशेषज्ञों ने सवाल उठाया कि क्या सीएम योगी के गृह जनपद की पुलिस इतनी क्रूर व निरकुंश है ,क्या तनिक भी गोरखपुर पुलिस के हाथ वक्त नहीं कांपे जब पुलिस उस निर्दोष व्यापारी मनीष को लाठियों से पीट रही थी?आखिर सूबे के सीएम व डीजीपी अब तो यह जवाब दें कि सीएम के गृहजनपद गोरखपुर की कुख्यात पुलिस को मित्र पुलिस का सबक सिखाना क्यो भूल गए?जिसने एक निर्दोष व्यापारी को पीटने के दौरान मानवीय संवेदना की हर हद को पार कर दिया है। मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं।जबकि सिर में जो गहरी चोट लगी थी, वह उनके लिए जानलेवा साबित हुई है। रिपोर्ट के अनुसार मनीष के दाहिने हाथ की बांह पर डंडे की पिटाई के निशान भी मिले हैं और बाएं आंख की ऊपरी परत पर भी चोट लगी है।इस पीएम रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी मास पेशियों में भी चोट के निशान मिले हैं। 
होटल के कमरे की सफाई पर मीनाक्षी ने सवाल खड़े किए हैं। पुलिस से पूछा कि आखिर घटनास्थल की सफाई क्यों कराई गई? कमरे में जो खून फैला था, उसे धुलवाया क्यों गया? कमरे को सीज कर फोरेंसिक जांच क्यों नहीं कराई गई? वहां पर खून बिखरे थे और कई ऐसे साक्ष्य थे जिसकी फोरेंसिक जांच होती तो कई सच्चाई सामने आती, मगर ऐसा नहीं किया गया। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी मिलने आ रहे हैं। हम उनसे की गुहार लगाएंगे। साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने उनसे मांग करेंगे।मृतक की पत्नी ने कहा कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करेगी इसका भरोसा उसे नहीं हैं। उन्होंने डीएम और एसएसपी पर भी गंभीर आरोप लगाए और उनपर भी एक्शन की मांग की है। 
सोमवार रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में कानपुर निवासी 36 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने 2 दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ ठहरे थे। देर रात पुलिस होटल में निरीक्षण के लिए पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं। संदेह होने पर पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस द्वारा पिटाई के बाद घायल मनीष की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी।

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