हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एक बार पुनः पुलिस हिरासत में मारे गये पुजारी हत्याकांड है सुर्खियों में


जौनपुर। जनपद के थाना बक्शा क्षेत्र स्थित चक मिर्जापुर इब्राहिमाबाद (पकड़ी) निवासी कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की पुलिस हिरासत में हुई हत्या काण्ड का मामला एक बार फिर जनपद में सुर्खियों में आ गया है। लम्बे समय के बाद उच्च न्यायालय हाईकोर्ट ने इस घटना के विवेचना को  एस आई टी से हटाकर सीबीआई के हवाले कर  दिया है। इस घटना को लेकर हाईकोर्ट ने जौनपुर एसपी को व्यक्तिगत रूप से तलब कर जबाब मांगा था। 
                मृतक पुजारी की मां 
यहां बता दे कि 11 फरवरी 2021 को थाना बक्शा की पुलिस और एस ओ जी टीम चक मिर्जापुर गांव में दिन में लगभग दो बजे गयी और गांव के कृष्णा यादव उर्फ पुजारी को एक लूट काण्ड के अपराध में गिरफ्तार कर थाने पर ले गयी।जबकि पुजारी कोई अपराधी व्यक्ति नहीं था। थाने पर ले जाकर पुलिस और एस ओ जी टीम के लोंगो ने उसे बुरी तरह से मारा पीटा इतना मारा कि वह अधमरा स्थित में आ गया। इसके बाद फिर रात में उसे लेकर उसके गांव गये और घर पर भयानक पुलिसिया तांडव किया। फिर तीसरी बार पुजारी के घर पर थाना प्रभारी और पुलिस जन गये अर्ध रात को घर पर लूट पाट करते हुए परिवार वालो को मार पीट कर घर से 60 हजार रुपए उठा ले गये उसे लूट काण्ड मे बरामदगी दिखा दिया। दूसरे दिन भोर में ही पुलिस पिटायी से हिरासत में ही पुजारी की मौत हो गयी। इस घटना को लेकर पूरे जनपद में कोहराम मच गया था। सपा के लोग आन्दोलन की राह पर निकल पड़े थे। सपा जनों के भारी दबाव के बाद सभी नौ पुलिस जनो के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया तथा एसपी ने सभी को निलंबित कर दिया लेकिन गिरफ्तारी नहीं कराया आज तक पुलिस कर्मीयों ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत तक नहीं कराया। घटना के बाद परिजन सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस इस घटना में लीपापोती करने में जुटी थी और विवेचना एस आई टी  को दे दिया। पीड़ित परिवार की बात न सुनते हुए मनमानी किया जा रहा था। 
पुलिस की कारगुजारी को देखकर मृतक पुजारी के भाई अजय कुमार यादव ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए घटना की विवेचना सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे। हाईकोर्ट ने इस घटना में एसपी जौनपुर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया और एसपी ने घटना के समय यहां पोस्टिंग न होने की बात बताया। इस याचिका में पुलिस अधीक्षक जौनपुर, राज्य सरकार और एस आई टी सहित डीआईजी, आई जी को पक्षकार बनाया था। न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और पीयूष अग्रवाल की बेंच ने जांच एस आई टी से हटाकर सीबीआई को दे दिया साथ ही राज्य सरकार से जबाब तलब किया है। 
              घटना का सच बताती बच्ची 
इधर हाईकोर्ट के शख्त रूख को देखकर जौनपुर पुलिस भी हरकत में आयी और घटना की विवेचना कर रहे सीओ बदलापुर ने तत्काल सीजेएम जौनपुर के यहां प्रार्थना पत्र देकर तत्कालीन थाना प्रभारी सहित एसओजी प्रभारी एवं शामिल पुलिस जनों कुल नौ लोंगो के खिलाफ नान वेलेबुल वारंट ले लिया है अब पुलिस कहती है जल्द गिरफ्तारी की जायेगी। घटना के लगभग 08 माह बीत गये अभी तक न तो अभियुक्त निलंबित पुलिस कर्मी जमानत कराये नहीं कोर्ट में हाजिर हुए न ही उनकी गिरफ्तारी करायी गयी थी। खबर है कि पूरे मामले में लीपापोती का खेल चल रहा था। जन चर्चा है कि हाईकोर्ट के हस्ताक्षेप का बाद अब पुलिस हिरासत में मारे गये कृष्णा यादव उर्फ पुजारी हत्याकांड में न्याय हो सकता है। हलांकि इस मामले में अगली सुनवाई 13 सितम्बर को फिर होनी है तब तक पुलिस को अपने स्तर से अभियुक्तो के खिलाफ की गयी कार्यवाई से अवगत कराने का निर्देश है। इस तरह हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आठ माह बाद पुजारी हत्याकांड एक बार फिर से चर्चाओ की सुर्खियों में आ गया है। हाईकोर्ट ने 48 घन्टे में अभियुक्तो के गिरफ्तारी का समय दिया था लेकिन अभी तक अभियुक्त पुलिस पकड़ से दूर है।


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