आइए जानते है चेक बाउंस के मामले में सुलह होने पर हाईकोर्ट का क्या है आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि धारा 138 (चेक बाउंस के मामले में ) के तहत आपराधिक मुकदमे के पक्षों के बीच समझौता होने के आधार पर हाईकोर्ट अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग कर मुकदमे की कार्यवाही रद्द कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को न्याय हित में न्यायिक प्रक्त्रिस्या के दुरुपयोग को रोकने के लिए धारा 482 की शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है।
इसी के साथ कोर्ट ने मथुरा के वृंदावन थानाक्षेत्र के निवासी योगेन्द्र गोस्वामी के खिलाफ अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द कर दी है। इससे पहले याची अधिवक्ता ने विपक्षी मनोज कुमार के अधिवक्ता को चेक अनादर की राशि 4लाख 50हजार चेक के माध्यम से वापस किया।
यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के स्थापित विधि सिद्धांतों पर विचार करते हुए दिया है। दोनों पक्षों में धनराशि को लेकर समझौता हो गया और राशि प्राप्त करने के बाद आपराधिक केस समाप्त करने पर सहमति बनी। कोर्ट ने कहा न्यायिक हित में कोर्ट को आपराधिक केस कार्यवाही रद्द करने का अधिकार है।
इसी के साथ कोर्ट ने मथुरा के वृंदावन थानाक्षेत्र के निवासी योगेन्द्र गोस्वामी के खिलाफ अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद्द कर दी है। इससे पहले याची अधिवक्ता ने विपक्षी मनोज कुमार के अधिवक्ता को चेक अनादर की राशि 4लाख 50हजार चेक के माध्यम से वापस किया।
यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के स्थापित विधि सिद्धांतों पर विचार करते हुए दिया है। दोनों पक्षों में धनराशि को लेकर समझौता हो गया और राशि प्राप्त करने के बाद आपराधिक केस समाप्त करने पर सहमति बनी। कोर्ट ने कहा न्यायिक हित में कोर्ट को आपराधिक केस कार्यवाही रद्द करने का अधिकार है।
Comments
Post a Comment