पुलिस का हैरतअंगेज कारनामा,एक तरफ महिला सशक्तिकरण अभियान दूसरी ओर हो रहा है उत्पीड़न,अधिकारी मौन


महिला सशक्तिकरण का दम भरने वाली लखनऊ की पुलिस से जुड़े कुछ थानों की पुलिस तो अब महिला पीड़ितों के उत्पीड़न की गवाह बनकर सामने आ रही है। यह हाल तब है जब महिला सशक्तिकरण के तहत पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति का तीसरा चरण चल रहा है। संदेश यह है कि दो चरणों में डीजीपी मुकुल गोयल अपनी लखनऊ पुलिस को यह सबक भी नहीं सिखा पाए कि थानों में पहुंचने वाली पीड़ित नारियों से किस तरह का व्यवहार करे?यह हाल सिर्फ लखनऊ जनपद से जुड़े थानों का नहीं है बल्कि सूबे के जुड़े तमाम थानों की पुलिस भी नारी उत्पीड़न के मामलों में घोर लापरवाही बरतने के लिये मशहूर हो रही है। 
राजधानी के थानों में नहीं होती है पीड़ित महिलाओं की कोई सुनवाई अभी दो दिन पूर्व ही थाना विभूतिखण्ड खण्ड पुलिस की पीड़ित महिला व उसके भाई के उत्पीड़न का एक मामला इस समय अवाम में चर्चा का विषय बना। जब पीड़ित युवती ने थाना विभूतिखण्ड पुलिस पर आरोप लगाया कि जब अपने एक मामले की शिकायत करने थाने अपने भाई के साथ गयी तो पुलिस ने उसकी शिकायत सुनने के बजाय उसे व उसके भाई को ही थाने में रात भर बैठा कर रखा। पुलिस ने उसके भाई के साथ मारपीट भी की । इस पीड़ित युवती का आरोप है कि पुलिस ने सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से उसका मोबाइल भी तोड़ दिया। जबकि थाने की महिला पुलिस कर्मियों पर भी उसने अपने साथ मारपीट के आरोप लगाए हैं। 
ठीक इसी तरह लखनऊ की निगोहा थाना पुलिस एक रेप पीड़िता की एक सप्ताह से शिकायत नहीं सुन रही है।इस पीड़ित बहु की शिकायत है कि उसके पति के पागलपन का फायदा उठाकर उसका ससुर उसके साथ लगातार योन शोषण करता है।जब इसकी शिकायत लेकर वह थाना निगोहा गयी तो पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने के बजाय उसे थाने से ही टरका दिया है।पुलिस उस पीड़िता को समझा रही है कि घरेलू मामला है घर मे ही सुलझाओ। पुलिस कमिश्नर का तर्क इन दोनों ही घटनाओं के बारे में लखनऊ पुलिस कमिश्नर डी के ठाकुर का कहना है कि अभी तक यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है।उन्होंने कहा कि मैं इन मामलों की जांच करवाता हूँ। अगर जांच में पुलिस कर्मी दोषी पाये जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि अब डीजीपी लापरवाह व भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के प्रति सख्त हैं।अब इस तरह की पुलिसिंग करने वाले पुलिस कर्मी कतई बख्शे नहीं जाएंगे। 
राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट तो यही बताती है कि उत्तर प्रदेश में लगातार महिला उत्पीड़न की शिकायतें बढ़ रहीं हैं।इन शिकायतों में दूसरे राज्यो की तुलना में करीब 5 गुना महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं।एक आंकलन के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीड़न के कुल 10 हजार 84 मामले सामने आए हैं । जबकि दिल्ली राज्य से 2 हजार 1 सौ 47,हरियाणा राज्य से 995 व महाराष्ट्र से 974 मामले सामने आए हैं।महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 1022 मामले उत्तर प्रदेश से दुष्कर्म व दुष्कर्म के प्रयास से सम्बंधित हैं।

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