आइये जानते है बिस्मिल्लाह खां के कथित नातिन के साथ दुष्कर्म का सच क्या है


जौनपुर। जनपद में विस्मिल्ला खां के कथित नातिन के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर इन दिनो मीडिया में खासी चर्चाओं का बाजार गर्म है और प्रदेश से लेकर जिले तक इसकी चर्चा हो रही है लेकिन जब इसके सच की तलाश किया गया तो मामला दुष्कर्म के बजाय कुछ और ही नजर आया है। जमीनी विवाद को गैंगरेप के मामले में बदल कर शासन प्रशासन पर कार्यवाई एवं गिरफ्तारी का दबाव बनाया जा रहा है। 
घटना तफसीलवार यह है कि जनपद के थाना कोतवाली क्षेत्र स्थित मुहल्ला पान दरीबा निवासी साहिल नामक व्यक्ति के पुत्री एलिया की शादी जनपद इलाहाबाद में हुई थी। एलिया ने अपनी पहली शादी को छिपा कर थाना कोतवाली स्थित मुहल्ला मुफ्ती मोहाल के निवासी हसन राहिद के पुत्र जमाल से प्यार किया इसके बाद वर्ष 2019 में मुम्बई भाग कर दोनों ने शादी भी कर लिया था। 
काफी समय तक मुम्बई में बतौर पति पत्नी रह रहे थे लेकिन जब दोनो लौट कर जौनपुर अपने घर आये तब पोल खुली कि एलिया तो पहले से शादी शुदा है। इसके बाद दोनों में विवाद हो गया विवाद के पश्चात बिस्मिल्लाह खां की कथित नातिन ने धारा 376 डी भादवि के जमाल एवं उसके पिता हसन राहिद सहित दो भाईयों पर एक साथ रेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। इस धारा का मतलब है कि एक साथ दुष्कर्म करना सवाल क्या पिता पुत्र एक साथ रेप कर सकते है ? हलांकि इस मुकदमें की विवेचना तत्कालीन चौकी प्रभारी श्री प्रकाश राय ने किया गहराई से जा छानबीन करने पर मुकदमा फर्जी पाते हुए फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दिया और मुकदमा खत्म हो गया। 
अब नया मामला यह है कि मिर्जा रूसेद एवं साहिल कथित नातिन के पिता और जमाल के पिता हसन राहिद के बीच एक जमीन को लेकर विवाद हो गया है जिसमें मिर्जा रूहेद और साहिल चेहल्लुम की जमीन को कब्जाने के प्रयास में थे इसका विरोध संयोग से हसन राहिद ने कर दिया। इसके पुनः साहिल की पुत्री एलिया कथित नातिन बिस्मिल्लाह खां के द्वारा दर्ज करायी गयी घटना में न्यायालय से पुनर्विवेचना का आदेश करा लिया है इसी को लेकर अब शासन से लेकर प्रशासन तक से दबाव बनाया जा रहा है कि तत्काल मुजरिमों कि गिरफ्तारी किया जाये। 
इस संदर्भ में इन्सपेक्टर कोतवाली संजीव मिश्रा से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि पुनर्विवेचना का आदेश कोर्ट से आया है। इन्सपेक्टर तारावती उसकी गहरायी से पुनः विवेचना कर भी रही है। हां यह भी सच है कि इस मामले में पूर्व के विवेचनाधिकारी ने फाइनल रिपोर्ट लगाया है। जमीन के विवाद के दूसरा स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। विवेचना में यदि आरोप सही पाया गया तो कार्यवाई की जायेगी। हलांकि वादी के द्वारा हर स्तर से गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जब कि कोई भी कार्यवाई विवेचना के बाद ही विधिक रूप से संभव हो सकती है।

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