पूर्वांचल के छः जिलो के 36 फर्जी शिक्षक एसटीएफ के राडार पर, शासन में 765 शिक्षको की फर्जी सूची तैयार
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखा है। शासन ने कुल 143 शिक्षकों की सूची दी है जिनके अभी तक प्रपत्र नहीं मिले हैं। इनमें पूर्वांचल से 19 जौनपुर, 10 बलिया, 12 गाजीपुर, दो आजमगढ़, दो मऊ, एक चंदौली हैं।
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें गहराती जा रहीं हैं। वर्षों से कई शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे हैं। समय-समय पर जांच में ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। इस समय पूर्वांचल के छह जिलों के 36 शिक्षक एसटीएफ के रडार पर हैं। इससे खलबली बची हुई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसमें देरी पर उन्होंने नाराजगी भी जताई है। अन्य जिलों को मिलाकर शासन ने कुल 143 शिक्षकों की सूची एसटीएफ को साैंपी है।
पूर्वांचल के छह जिलों में बलिया, आजमगढ़, चंदौली, जौनपुर, मऊ व गाजीपुर शामिल हैं। इसके अलावा शासन स्तर पर प्रदेश के 765 फर्जी शिक्षकों की सूची बनाई गई है। अन्य की पड़ताल भी जल्द शुरू कराई जाएगी। अधिकांश फर्जी शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। ऐसे कई शिक्षकों की तनख्वाह रोक दी गई है। ऐसे में कई भूमिगत हो गए हैं, जिनकी तलाश अब एसटीएफ कर रही है।
शासन के निर्देश पर मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों को प्रमाण पत्र सहित अन्य जानकारियां अपलोड करनी थीं। पहले वर्ष 2020 के अंत तक इसके लिए समय दिया गया। बाद में जून 2021 और उसके बाद 31 अगस्त तक की समय-सीमा तय की गई थी। इसके बाद भी इन शिक्षकों ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। अब बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इनके शैक्षिक दस्तावेज, नियुक्ति से संबंधित प्रपत्रों को अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ लखनऊ को उपलब्ध कराने का निर्देश मिला है।
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