25 हजार रुपये में अंगूठा छाप को बनाते थे डाक्टर, लखनऊ में तीन गिरफ्तार-सरगना की तलाश जारी



डाक्टर बनने के लिए जहां युवा नीट की परीक्षा पासकर एमबीबीएस पढ़ाई में पांच साल लगाते हैं और पढ़ाई से लेकर फीस में लाखों रुपये खर्च करते हैं। वहीं, राजधानी की चिनहट पुलिस और क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए जालसाज गिरोह के तीन सदस्य अनपढ़ और अंगूठा टेक लोगों को 25 हजार रुपये में फर्जी डिग्री देकर डाक्टर बना देते थे। इतना ही नहीं यह लोग यूपी बोर्ड 10वींं और 12वीं की मार्कशीट के साथ ही उच्च शिक्षा से संबंधित अन्य कार्यक्रमों के फर्जी दस्तावेज बनवाते थे। 10वीं और 12वीं की मार्कशीट के लिए 10-15 हजार रुपये लेते थे। गिरोह का नेटवर्क उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, बिहार और मध्यप्रदेश तक फैला था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने तीनों को फैजाबाद रोड चिनहट तिराहे के पास से पकड़ा है। पूछताछ में गिरोह का राजफाश हुआ।तीनोंं आरोपितों को जेल भेज दिया, जबकि सरगना समेत अन्य की तलाश में दबिश दे रही है। गलत तरीके से कमाए रुपयों से यह लोग महंगे शौक पूरे करते थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी : 
मनीष प्रताप सिंह निवासी मथुरा वृंदावन, राजपुर, यहां पुराना किला हुसैनगंज में रहता था गोविंद अग्रवाल निवासी नोएडा, सी140, सेक्टर 122 थाना सेक्टर 71 अमित सिसौदिया निवासी मथुरा शेरगढ़ बसही बुजुर्ग, यहां पुराना किला हुसैनगंज
इनकी तलाश में दबिश
नकुल निवासी गाजीपुर, गाजियाबाद समरीन खान कसाईबाड़ा अमीनाबाद लखनऊ हलीम खान निवासी विकास दीप बिल्डिंग के पास हुसैनगंज 
बरामदगी : एडीसीपी सैय्यद मोहम्मद कासिम आब्दी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों के पास से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की 180 फर्जी मार्कशीट और डिग्री, 17 मुहर, इंक पैंड, तीन मोबाइल फर्जी दस्तावेजों से इकट्ठी किए गए 28 हजार रुपये, तीन सीपीयू, कलर प्रिंटर, 11 बोतल इंक, शैक्षिक प्रमाणपत्र बनाने वाले पेपर की 11 गड्डी, एक फार्च्युनर कार, 42 रजिस्टर और अन्य वस्तुएं मिली हैं।यह लोग लोगों से रुपये लेकर उन्हें फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाकर देते थें। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
एसीपी विभूतिखंड अनूप कुमार सिंह के मुताबिक राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश लखनऊ, मुंशी परीक्षा उत्तीण प्रमाणपत्र, केंद्रीय मुक्त विवि शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश, राज्य मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान, महाकौशल आयुर्वेदिक ओर्ड जबलपुर मध्यप्रदेश, बोईड आफ हायर सेकेंड्री एजूकेशन दिल्ली, नेशनल नर्सिंग मिडवाइफरी काउंसिलिंग, यूपी बोर्ड के दस्तावेजों के अलावा भारतीय वैदिक विद्या पीठ लखनऊ के दस्तावेज और शैक्षिक प्रमाणपत्र मिले हैं। एसीपी ने बताया कि इन सभी संस्थानों से अभ्यर्थियों के रोल नंबर के अनुसार संपर्क किया जा रहा है कि जिन छात्र-छात्राओं के नाम से मार्कशीट, प्रमाणपत्र और डिग्रियां मिली हैं। वह छात्र इनके संस्थानों में हैं अथवा नहीं। इसका ब्योरा जुटाया जा रहा है।
 इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याममणि त्रिपाठी ने बताया कि पकड़े गए लोगों के पास से एक सूची मिली है। जिसमें करीब पांच हजार अभ्यर्थियों के नाम दर्ज हैं। उनके पते और नाम से अन्य जानकारियां तस्दीक की जा रही हैं। जानकारी मिलते ही उनसे भी संपर्क कर अन्य जानकारियां जुटाई जाइगीं।

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