11 सितम्बर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए जानें क्या बनी रणनीति
जौनपुर। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में 11 सितम्बर 21 को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा प्रतिकर के अधिकतम वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में अधिवक्तागण से विचार विमर्श हेतु प्री-ट्रायल बैठक पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण मनोज कुमार सिंह गौतम की अध्यक्षता एवं अशोक कुमार यादव, पंचम अपर जिला जज/ विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट जौनपुर/नामित अध्यक्ष लोक अदालत पीठ एम0ए0सी0टी0 की सहअध्यक्षता एवं श्रीमती शिवानी रावत सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर के संयोजन में आज न्यायालय/ कार्यालय मे बैठक की गयी।
बैठक में विचार-विमर्श करते हुए पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण जौनपुर मनोज कुमार सिंह गौतम द्वारा मोटर दुर्घटना दावा के अधिवक्ताओं से विचार विमर्श कर आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण हेतु 74 वाद चिन्हित किये गये हैं। उनके द्वारा बताया गया कि लोक अदालत में निस्तारित वादों के आदेशों के विरूद्ध कोई अपील नहीं होती है। यह भी कहा गया कि संधि होने से संभावित प्रकरण पक्षकारों द्वारा मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में प्रस्तुत कर निस्तारित करवा सकते हैं।पंचम अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट अशोक कुमार यादव द्वारा कहा गया कि लोक अदालत में निस्तारण हेतु किसी प्रकार का न्याय शुल्क देय नहीं है तथा लम्बित मामलों के लोक अदालत में निस्तारण पर न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवानी रावत सचिव द्वारा बताया गया कि कानूनी जटिलताओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित है। अतएव कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए एम0ए0सी0टी0 के अधिकतम वादों का निस्तारण कराकर लाभान्वित हों तथा लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें।
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