गोमती अब उफान पर घुसने लगा गांव में बाढ़ा का पानी, निरीक्षण कर डीएम ने जानें क्या दिया आदेश



जौनपुर। गंगा में आयी बाढ़ का असर अब गोमती में नजर आने लगा है। विगत दो दिनों से गोमती के जल स्तर में तेज बृद्धि से नदी के किनारे तराई इलाको में लगी फसलें डूबने लगी है। हलांकि गोमती जनपद में अभी खतरे के निशान से लगभग एक फिट नीचे है फिर भी गोमती के बढ़ते जल स्तर को देख सतर्क हो गया है। तराई इलाको का निरीक्षण भी शुरू करते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने अधीनस्तों को राहत कार्य करने का आदेश जारी कर दिया है। 
यहां बता दें कि गोमती नदी गोमत ताल से चल कर जनपद जौनपुर और गाजीपुर की सीमा पर पहुंच कर गंगा में समाहित होती है। इसलिए गंगा में बाढ़ आते ही गोमती जनपद जौनपुर के पूर्वी इलाको में अपना असर तेजी से दिखाने लगती है। जनपद में सबसे पहले केराकत तहसील के गांव पहले ही बाढ़ की जद में आ जाते है। हलांकि बाढ़ का प्रभाव तो पूरे जनपद के निचले इलाको में नजर आने लगा है लेकिन केराकत तहसील में बाढ़ किसानो की फसलों को बरबाद करने लगी है। 
गोमती के बढ़ते जल स्तर से केराकत तहसील के तटीय क्षेत्र के गांव सरोज बड़ेवर, नोनमटिया, भीतरी गोपालपुर, जोखुवाना, चकरारेत नरहन मसौड़ा,  बेहड़ा, फुटहिया पार,  गोबरा, महादेवा आदि गांवो में पानी घुस गया है। ग्रामीण जन अब सुरक्षित स्थान ठिकाना तलाशने लगे है। गोमती के साथ साथ सई नदी भी अपने विकरालता की ओर बढ़ रही है। इसका भी पानी तटीय इलाको की फसलों के लिए तवाही बनता जा रहा है। 
जिले में बाढ़ की विभीषिका को देखकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा और केराकत विधायक दिनेश चौधरी ने 12 अगस्त को बाढ़ इलाको का निरीक्षण किया जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को शख्त आदेश दिया कि बाढ़ प्रभावित इलाको के लोगो को सुरक्षित करते हुए तत्काल खाद्यान्न आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। नाव एवं प्रकाश आदि की व्यवस्थायें करायी जाये। पीड़ित परिवारो को तुरन्त स्कूल में रहने की व्यवस्था किया जाए। साथ ही बाढ़ से प्रभावित फसलों का आकलन कर रिपोर्ट जल्द से जल्द मुख्यालय भेजी जाये। साथ ही प्रतिदिन बाढ़ की अपडेट देने का निर्देश दिया है।
जनपद मुख्यालय पर बाढ़ का असर यह है कि नदी के किनारे बने सभी घाटो पर बाढ़ का पानी हिलोरें लेने लगा है। नदी में मिलने वाले नालों के रास्ते बाढ़ का पानी शहर के मुहल्लों की तरफ बढ़ने लगा है। अनुमान है कि एक से डेढ़ फिट नदी का जल स्तर बढ़ते ही शहर का बदलापुर पड़ाव का इलाका सबसे पहले जल मग्न हो जायेगा। इस इलाके के लोग पानी आने से पहले अपने सामानो और रहने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश शुरू कर दिये है। पीली नदी भी धीरे धीरे अपने विकरालता की ओर बढ़ रही है इस नदी पर बना रपटा पुल टूट जाने से आम जनता का आवागमन बन्द हो गया है। दुगौली खुर्द, ठेगुआ,  तियरा, इमामीपुर, रामीपुर, मेढ़ा, बहरीपुर, रताशी, फिरोजपुर सहित दर्जन भर गांव के ग्रामीण पुल टूटने से संकट की स्थिति में आ गये है।

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