गंगा के बढ़ते जल स्तर से मच गया हाहाकार प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो का दौरा शुरू
बनारस में देर रात एक बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर के उपर तक पहुंचा। रात दो बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 71.28 मीटर पर पहुंच गया। सुबह तक गंगा का जलस्तर 71.42 मीटर दर्ज किया गया। इसके बाद गंगा के जलस्तर में एक से डेढ़ सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा।
गंगा में बढ़ाव तेज हो गया और रफ्तार दो सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गया। सात बजे तक गंगा का जलस्तर 71.55 मीटर पहुंच गया। चार अगस्त को कोटा बैराज धौलपुर से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के जलस्तर में नौ मीटर तक वृद्धि हो गई है। इससे जुड़ी यमुना में छह मीटर बढ़ाव दर्ज किया गया है।
शवदाह के लिए नावें बनी सहारा
मणिकर्णिका घाट पर शवदाह करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गलियों तक पानी भर जाने के कारण नावों के जरिए शवों को घाट तक ले जाना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट का निचला इलाका जलमग्न होने के कारण छतों पर ही शवदाह किया जा रहा है। वहीं हरिश्चंद्र घाट पर सीढ़ियां भी डूब गई हैं। गलियों और ऊंचे स्थानों पर शवदाह कराया जा रहा है।
सामनेघाट की कॉलोनियां की ओर बढ़ चली गंगा
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण सामनेघाट की कॉलोनियों की ओर गंगा बढ़ने लगी हैं। नगवां से लेकर सामनेघाट, मलहिया, रमना तक पानी घुस गया है। लोग राहत शिविरों में पहुंचने लगे हैं। वहीं कुछ लोगों ने अपने परिवार को गांव या रिश्तेदारों के घर सुरक्षित पहुंचा दिया है। नगवां गंगोत्री विहार लेन नंबर एक , संगमपुरी, महेश नगर के निचला हिस्सों में पानी घुस गया।
एनडीआरएफ कर रही पेट्रोलिंग
सामनेघाट ज्ञानप्रवाह नाले में पानी लगातार बढ़ने के कारण मारुति नगर, हरिओम नगर, गायत्री नगर और छित्तूपुर के पूर्वी भाग में रहने वाले लोग परेशान हो गए हैं। इन बाढ़ग्रस्त इलाके में एनडीआरएफ के जवान लगातार नाव से पेट्रोलिंग कर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जलकल और बिजली विभाग को अलर्ट किया गया है। अधीक्षण अभियंता प्रथम आरएस प्रसाद ने कहा कि अभी ट्रांसफार्मरों को बंद करने की नौबत नहीं आई है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को लगाया गया है। कुछ जगहों पर जंपर खोले जाएंगे। जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार ने बताया कि टैंकरों से राहत शिविरों में पानी की आपूर्ति की जा रही है। अभी कोई ऐसी स्थिति नहीं आई है की जलापूर्ति प्रभावित हो रही हो।
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