झोलाछाप डाक्टर की लापरवाही ने ले ली मासूम की जान, परिजनों ने काटा हंगामा, मामला पुलिस के पास
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गरीब व ग्रामीण जनता को बेहतर इलाज देने के लिए अरबों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। जिले से लेकर न्याय पंचायत स्तर तक स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सामुदायिक केंद्रों को संचालित करने के लिए चिकित्सक से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की तैनाती की गई है। स्वास्थ्य केंद्र पर ही रहने के लिए आवासीय परिसर भी बनाया गया, लेकिन वो वहां रुकते ही नहीं और न ही रोज स्वास्थ्य केंद्र पर जाते हैं, जिसकी वजह से आम ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे रहना पड़ता हैं।
झोलाछोप डॉक्टरों के भरोसे ग्रामीणो का इलाज चलता है, लेकिन कभी कभी मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से जान भी गंवानी पड़ जाती है। सरकारी डॉक्टरों की मनमानी के चलते, ग्रामीणों के सामने ऐसे डॉक्टरों से इलाज कराने की मजबूरी होती है। इसी तरह का एक मामला रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र के कुर्मियामऊ चौराहे से सामने आया है। जहां झोलाछाप चिकित्सक के इलाज से एक मासूम की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार त्रिवेदी का पुरवा गांव निवासी 7 वर्षीय मासूम संगीता पुत्री रामबाबू को शुक्रवार शाम से हल्का बुखार था। मृतका संगीता के बाबा शंकर ने बताया कि आज मैंने अपने बेटे से कहा कि इसे डॉक्टर को दिखा लाओ। जिस पर परिवारीजन संगीता को लेकर कुर्मियामऊ में डॉक्टर विजय के यहां लेकर पहुंचे। विजय ने उसे इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाते ही उसे उलटी हुई और उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर ने आनन फानन में उसे बछरावां सीएचसी पहुंचाया और भर्ती कर दिया। जब हम वहां पहुंचे तो देखा वह मर चुकी थी। इसके बाद डॉक्टर विजय वहां से भाग गया। इससे आहत परिजन संगीता को लेकर डॉक्टर विजय की दुकान पर पहुंचे और वहां जमकर हंगामा काटा। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की पड़ताल शुरू कर दी। अपर पुलिस अधीक्षक रायबरेली विश्वाजीत श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में अभी परिजनों की ओर से तहरीर नहीं मिली है़। तहरीर मिलते ही विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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