नैक प्रस्तुति में सेल्फ असेसमेंट को प्रमुखता दें : प्रो. वीके सिंह बीएचयू
छात्रों को जोड़ने के लिए कक्षा में शिक्षक विद्यार्थी के बने मित्र : प्रो निर्मला एस मौर्य कुलपति
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल जौनपुर के कुलपति सभागार में शनिवार को प्रस्तावित नैक मूल्यांकन की तैयारी के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी सेल की तरह से आयोजित की गयी है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बीएचयू के प्रो. वीके सिंह ने कहा कि नैक मूल्यांकन टीम में एल्युमिनाई को भी जोड़ना चाहिए। पिछले पांच साल की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार रखनी चाहिए। नैक की प्रस्तुति में सेल्फ असेसमेंट को प्रमुखता देना चाहिए। हमें पांच विंदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि सोसाइटी का हमारी विश्वविद्यालय के प्रति क्या ओपिनियन है। मीडिया में इसके प्रति कोई निगेटिव स्टोरी न आने पाए। विश्वविद्यालय की वेबसाइट को अपडेट रखना। इसमें विश्वविद्यालय की और शिक्षकों की व्यक्तिगत जानकारियों को जोड़ना चाहिए। एकेडमिक आडिट पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। रिसर्च पेपर अच्छे जर्नल में होना चाहिए। ए.एम.यू. बड़े संस्थानों से होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के प्रोग्रेस की रिपोर्ट हमें रखनी चाहिए। अपने विभाग को एक दिन पब्लिक के लिए भी खोलना चाहिए ताकि विश्वविद्यालय की ब्रांडिंग हो सके।
बीएचयू हिंदी विभाग के प्रो.सत्यप्रकाश पाल ने कहा कि नैक मूल्यांकन सात विंदुओं पर होता है। इसमें सबसे बड़ा योगदान विभाग का होता है।
विभाग में बच्चों पर मेंटरशिप, एल्युमिनाई, विशेषज्ञ के लेक्चर, शिक्षकों के योगदान, जर्नल, पत्रिका, प्रोजेक्ट तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नकारात्मक चीजों को भी सकारात्मक ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए। विभागवार भी नैक संयोजक बनाना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस.मौर्य ने कहा कि नैक प्रत्याशा का मूल्यांकन करता है। हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक कक्षा में विद्यार्थियों के मित्र बनकर रहे, तभी वह आपसे जुड़ सकता है। इसके लिए उन्होंने चार सूत्र लर्निंग टू बी, लर्निंग टू डू, लर्निंग टू नोव, लर्निंग टू लिव टूगेदर बताए। उन्होंने कहा कि इसको अपनाकर हम अच्छे शिक्षक और अच्छे विद्यार्थी बन सकते हैं।
इस अवसर पर आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने पिछले नैक मूल्यांकन की रिपोर्ट की विशेषता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जो कमियां बताई गई स्थाई पोस्ट और प्रोजेक्ट उसे विश्वविद्यालय पूरा कर चुका है।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अमित वत्स ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रवेश से लेकर परीक्षा और सर्टिफिकेट तक आनलाइन किया गया है। कालेज और विश्वविद्यालय को सीसीटीवी से कनेक्ट करने की योजना है।
संचालन डॉ धर्मेंद्र सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रो.देवराज सिंह ने किया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. वंदना राय, प्रो.अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश पार्थीडकर, प्रो. ए.के. श्रीवास्तव, प्रो. रामनारायण, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. राजकुमार, डॉ.संतोष कुमार, डॉ. मनीष गुप्ता, एन.एस.एस. समन्वयक डॉ. राकेश यादव, रोवर्स रेंजर्स समन्वयक जगदेव, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. मुराद अली, डॉ.आशुतोष सिंह, डॉ.सचिन अग्रवाल, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ.प्रदीप सिंह, डा.जाह्नवी श्रीवास्तव, डा.सुनील कुमार, डॉ.सौरभ पाल, डॉ. गिरधर मिश्र, डॉ.रसिकेश, डॉ. अनुराग मिश्र, अन्नु त्यागी इत्यादि उपस्थित थे।
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