पूंछता है जौनपुर: कृपा शंकर सिंह ने महाराष्ट्र में पंजा छोड़ पकड़ा कमल तो वहां सम्मान समारोह क्यों नहीं ?
जौनपुर। महाराष्ट्र सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में कृपाशंकर सिंह के अचानक भाजपा में शामिल होने के बाद आखिरकार उनका स्वागत समारोह महाराष्ट्र में क्यों नहीं किया गया यह जौनपुर के बुद्ध जीवियों में चर्चा का विषय बन गया है
कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल होकर उप्र के जौनपुर जनपद में प्रायोजित सम्मान समारोह करने के पीछे मकसद क्या है ?
महाराष्ट्र राजनीति के बड़े नेताओ की पहली कतार में शुमार पूर्व गृह राज्यमंत्री महाराष्ट्र कृपा शंकर सिंह को कांग्रेसी से भाजपाई बनने के बाद
उत्तर प्रदेश के अन्दर अपने गृह जौनपुर जनपद उसे लेकर जनपद के सियासी गलियारे में एक नयी चर्चा शुरू हो गयी है।
फिलहाल चर्चाओं के दौर में भाजपा के ही कई जिम्मेदार राजनैतिक इस कार्यक्रम को लेकर अपने तर्क देते हुए कहते है कि आखिर महाराष्ट्र में भाजपाई बने श्री सिंह का सम्मान महाराष्ट्र के भाजपा जनों ने क्यों नहीं किया, क्या महाराष्ट्र की राजनीति से उनका मोहभंग हो गया है या उनका जनाधार अब अस्तित्व में नहीं है
आखिकार अपने ही जनपद जौनपुर में उन्हें पूरे काफिले एवं भाजपा के मंत्री /विधायक/ सांसद के साथ पूरे ताम झाम करने की जरूरत क्यों महसूस हुई है यह एक बड़ा सवाल लोगों में चर्चा का विषय बन गया है?
लोगो मे इस बात की जोरो से चर्चा है इसी सम्मान समारोह के बहाने कृपा शंकर सिंह जौनपुर की सियासत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे है ताकि आने वाले समय में जौनपुर से माननीय बनने के अपने सपने को पूरा कर सके। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा के लिए यक्ष प्रश्न है कि जौनपुर के भाजपा नेता जो कई दशक से पार्टी का झन्डा डन्डा लेकर पूरी निष्ठा के साथ पूरी तरह से समर्पित है, फिलहाल भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं को भी इस पर विचार जरूर करना चाहिए कि कांग्रेस से राजनैतिक ककहरा सीखने वाले ऐसे नेता को महाराष्ट्र सरकार में गृह राज्य मंत्री बनाया गया जिससे राजनीति में उनका कद बढ़ा और एक बड़ा चेहरा बन गया अब सवाल उठता है कि इसके बावजूद यदि उन्होंने कांग्रेस को ठुकरा कर भाजपा का दामन थाम लिया तो बड़े ही आसानी से समझा जा सकता है कि इसके पीछे निश्चित तौर पर इनका राजनीतिक स्वार्थ क्या होगा, समय रहते भाजपा के शीर्ष नेताओं को भी इस बात की जरूर मंथन कराना चाहिए कि उनकी राजनीतिक फेहरिस्त क्या है, ऐसा ना हो कि इनके अचानक भाजपा में सेंध लगाने पर भाजपा के जमीनी नेताओं को किनारे कर दिया जाय ,इसके पीछे तर्क यह कि भाजपा में स्वच्छ चरित्र के जमीनी नेता लाइंजनिंग नही कर सकते,भाजपा के अच्छे नेताओ ने कभी अवसर वादी राजनीति ही नहीं की है, उनका सिर्फ एक मकसद है, पार्टी के प्रति समर्पण, इस पर भी दिल्ली में बैठे भाजपा के हाईकमान नेताओं को पार्टी स्तर पर जांच करा लेनी चाहिऐ ये उन लोगो की राय है, जो भाजपा के प्रति सच्ची निष्ठा रखते है। प्रश्न उठता है कि अपने जीवन का लम्बा राजनैतिक जीवन महाराष्ट्र के लिए व्यतीत करने वाले श्री सिंह का राजनैतिक सफर क्या अब महाराष्ट्र में अवसान की तरफ बढ़ रहा है। हैरत तो इस बात की है कि इस पूरे कार्यक्रम को करीब 15 दिन पहले से ही जनपद के कतिपय पत्रकारों से,प्रायोजित कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने में मीडिया के बीच का ही एक चेहरा जो अब भाजपा की राजनीति में आये है, पूरी कसरत की है।
यहां बता दे कि कांग्रेस की राजनीति से अलग होने के बाद लम्बे समय तक संघर्ष के पश्चात भाजपा की सदस्यता महाराष्ट्र में ग्रहण किये है। मुंबई में उत्तर भारतियों के नाम पर अपना कद बढ़ाते हुए उत्तर भारतियों को छलने वाले नेता जी क्या अब जौनपुर वासी बन कर जनपद की आवाम को छलने की योजना बना रहे है?यह गम्भीर विचारणीय प्रश्न है।
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