कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए गांव-गांव खोजे जायेंगे प्रवासी - शासन
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से मची तबाही के बाद संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार के साथ ही प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है। एक अगस्त से संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अब गांव-गांव परदेसियों को खोजने की रणनीति बनाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी गांव-गांव पहुंचकर ऐसे परदेसियों की तलाश करेंगे और उनकी आरटीपीसीआर जांच कराएंगे।
कोरोना संक्रमण काल में भयावह स्थिति का मुख्य कारण गैर प्रांतों से परदेसियों का लौटना और जांच न हो पाना माना जा रहा था। ऐसे में एक अगस्त से संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर शासन के साथ ही स्थानीय प्रशासन भी मुस्तैदी से जुट गया है। इस लहर में बच्चों को प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू वार्ड आदि की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जिले में दूसरे प्रदेशों या देशों से आने वाले लोगों की तलाश करने की तैयारी है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राम स्तर पर तैनात एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। गांव में पहुंचने वाले प्रवासियों की तत्काल सूचना एकत्र करने की तैयारी चल रही है। ऐसे लोगों की आरटीपीसीआर जांच कराने की अनिवार्यता की गई है। प्रवासियों की सूचना न देने पर दोषी स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
पहली व दूसरी लहर में घर लौटे थे 2.85 लाख परदेसी
कोरोना संक्रमण काल में रोजी-रोटी के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत अन्य प्रांतों में रहने वाले प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में अपने घर लौटे थे। पहली व दूसरी लहर को मिलाकर कुल 2.85 लाख परदेसी घर लौटे थे। इन लोगों के आने के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ता चला गया। जिले में सबसे अधिक बाहर से आने वाले लोगों के चलते लोग संक्रमित हुए थे। गैर प्रांतों से आने वाले एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर संक्रमित निकले थे।
प्राइवेट अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी
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