यूपी में चुनावी मंत्रिमंडल के विस्तार की सुबगुबाहट फिर शूरू, दस मंत्रियों की छुट्टी होने की संभावना
उत्तर प्रदेश में चुनाव की बेला नजदीक आते ही एक बार फिर मंत्रीमंडल के विस्तार की सुबगुबाहट शुरू हो गयी है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद अब यूपी में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो इसी महीने के अंतिम हफ्ते तक नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि इस बारे में जल्द ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल बैठक कर सकते हैं।
नए विस्तार में किन नए चेहरों को जगह मिलेगी और किन का पत्ता साफ होगा इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद की तरह यूपी में भी मंत्रिमंडल से ऐसे दस सदस्यों की छुट्टी हो सकती है जिनका कामकाज संतोषजनक नहीं माना गया है। इस बार कम से कम छह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है।
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में भाजपा पूरी तरह जुट गई है। ऐसे में सीएम योगी के मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल होने की संभावना है। सरकार में मंत्रिमंडल के जिन सदस्यों का रिपोर्ट कार्ड अच्छा नहीं है उनकी जगह नए चेहरों को जिम्मेदारी दिए जाने की काफी चर्चा है। गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार किया था। इसमें भी यूपी का खास ख्याल रखा गया है। अगले साल चुनावों को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में सात नए चेहरों को जगह मिली थी। इनमें अपना दल की अनुप्रिया पटेल, मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर, भानु प्रताप वर्मा, बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल, अजय मिश्र और पंकज चौधरी शामिल रहे।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यूपी में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने से कुछ महीने पहले मोदी मंत्रिपरिषद से लेकर योगी मंत्रिमंडल तक फेरबदल का मकसद राज्य के सियासी समीकरणों को अपने पक्ष में दुरुस्त करना है। पार्टी के रणनीति अपने लक्ष्य के साथ जल्द ही सूबे के नए मंत्रियों की ताजपोशी को अंजाम दे सकते हैं।
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