खरीद फरोख्त के इस चुनाव में एक वोट की कीमत पहुंची 30 लाख रुपए,फिर भी सवाल प्रथम नागरिक कौन ?



जौनपुर।  जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव शुरुआती दौर में चुनाव लड़ने वाले धनबल का प्रयोग करने में थोड़ा-बहुत संकोच किये लेकिन मतदान के तिथि की उल्टी गिनती शुरू होते ही दलीय बन्धन पर धनबल बुरी तरह से हाबी हो गया है। एक वोट की कीमत 30 लाख रुपए तक पहुंच गयी है। आयोग द्वारा भेजे गये प्रेक्षक कागजी खाना पूर्ति कर रहे है। किसी भी नियम कानून का कोई असर नहीं नजर आ रहा है। जिसकी जितनी थैली भारी सदस्यों की रूझान उसी तरफ अधिक नजर आ रही है।
यहां बता दें कि भाजपा कागज पर तो चुनाव मैदान से बाहर है।भाजपा ने राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर जौनपुर सोनभद्र की सीट को एनडीए गठबन्धन के सदस्य दल अपना दल को दे दिया है। अपना दल जौनपुर से रीता पटेल पर दांव लगाया है। भाजपा से टिकट की लाइन में लगे पूर्व सांसद हरिवंश सिंह की बहू को टिकट नहीं मिला तो वह बागी प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में आ गये इसे लेकर अपना दल एस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा गठबन्धन धर्म नहीं निभा रही है इस मुद्दे को लेकर भाजपा और गठबन्धन के अपना दल के बीच जबरदस्त रार छिड़ गयी है। आपसी सम्बन्ध खत्म होने की नौबत आ गई है।
चुनाव मैदान में सपा से निशी यादव और अपना दल से रीता पटेल के अलांवा पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता धनन्जय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी तथा पूर्व सांसद हरिवंश सिंह की बहू नीलम सिंह मैदान में जोर आजमाइश कर रही है। चुनाव के एक दिन शेष है जिले का प्रथम नागरिक बनने के लिए प्रत्याशी गण करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा रहे है। खबर है कि वोटो की बोली 30 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है सदस्य भी सभी प्रत्याशी को खेला रहे है और पैसा ले रहे है।


यहां पर दल के नजरिए से देखा जाए तो सपा सबसे अधिक मजबूत स्थित में है कुल 83 सदस्यों में समाजवादी विचारधारा वाले 42 सदस्य है और सपा नेतृत्व के समक्ष 44 सदस्य परेड कर चुके है और भाजपा के पास 10, बसपा भी 10 ,अपना दल के 06 सदस्य है उलेमा कौन्सिल के 02 आप के 01 शेष निर्दल सदस्य है। दलीय ताकत से सपा को वीनर होना चाहिए लेकिन धनबल को हाबी होने के कारण यह नहीं कहा जा सकता है कि प्रथम नागरिक कौन होगा दावा तो सपा के साथ दोनों निर्दल प्रत्याशी जीत का कर रहे है। यदि कहा जाये की इस चुनाव में लोकतंत्र नहीं बल्कि धन की ताकत पर प्रथम नागरिक पद खरीदा जा रहा है तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। 

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