वर्षात शुरू होते ही जनपद की हर सड़के जल मग्न,शहर घिसटने को है मजबूर



जौनपुर। वर्षात शुरू होते ही शहर से लेकर गांव तक विकास कार्यों की ऐसी पोल खुली कि हर जगह जल प्लवन की स्थित साफ नजर आने लगी है जिससे समूचा जन मानस परेशान एवं बेहाल है। घर से बाहर निकलने पर हर नागरिक कीचड़ युक्त मार्ग पर चलने को मजबूर होकर सरकार शासन को कोसता नजर आ रहा है। सबसे खराब  स्थिति तो जनपद मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालयों की है जहां लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गये है। बड़ी संख्या में रोज मजदूरी की परिवार की जीविका चलाने वाले परिवारों में फांकाकसी की स्थिति आ गई है। 
यहां बता दे कि जनपद मुख्यालय पर शहर के अन्दर गलियों से लगायत शहर के बाहरी इलाकों  में चौतरफा ऐसी जल जमाव की स्थिति हो गयी है कि उसके कारण पूरा शहर जाम से कराहते हुए घिसटने को मजबूर हो गया है। शहर के बाहर आजमगढ़ मार्ग पर प्रसाद इंजीनियरिंग कॉलेज से लगायत सेन्ट प्रैक्टिस स्कूल तक लगभग 06 किलोमीटर मुख्य मार्ग पूरी तरह से गड्डे में तब्दील हो चुका है सड़क पर लगभग दो फिट पानी हर समय जमा रहता है। जिसका परिणाम है कि पैदल और मोटरसाइकिल अथवा सायकिल सवार यात्रियों का आवागमन पूरी तरह से बन्द हो गया है इसका प्रभाव लोंगो की जीविका पर पड़ रहा है। ट्रक तो घिसट घिसट कर इस मार्ग से निकल रहे है लेकिन छोटे वाहनो को भारी कठिनायी हो रही है। 
इस इलाके में आवास करने वाले गरीब श्रमिक घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे है कि मजदूरी आदि करके परिवार के लिए रोटी की व्यवस्था कर सके। इसके सिविल लाइन मार्ग जिस पर जिला प्रशासन के सभी हुक्मरान दिन में दर्जन भर बार आते जाते है जल जमाव के कारण इस पर चलना कठिन है। इसके अलावां पॉलिटेक्निक से लगायत वाराणसी मार्ग पर जगदीश पुर तक स्थिति बेहद चिन्ताजनक है यही हाल नईगंज और सुल्तानपुर रोड पर लखौवां से मुख्यालय तक लगभग 10 किमी सड़क का है सड़क नाला बन गई है। जो यातायात व्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित कर रखी है। 
नगर के अन्दर की स्थित है कि कोई ऐसी गली नहीं जो अमृत पेयजल योजना के चलते खोदी न गयी हो, वर्षात के पहले विभाग की लापरवाहियों के चलते खोदी गयी गलियां नही बनायी जा सकी जिसका परिणाम है कि वर्षात होते ही मिट्टी कचड़ा आम जनता के लिए बड़ी समस्या बन गया है। स्थिति यह है कि लोग घरों से नहीं निकल पा रहे है। यही हाल तहसील के मुहल्लों का बना हुआ है। वर्षात के पहले जिम्मेदार जल निकासी का प्रबंध नहीं किये जिसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है। 
स्थिति विकराल होने के बाद अब जिम्मेदार अधिकारी से लगायत जन प्रतिनिध गण समस्या समाधान के लिए धमाचौकड़ी मचा रहे है और जिम्मेदार विभाग को आदेश कर रहे है लेकिन सवाल यह है कि समय से पहले इस संकट से वाकिफ क्यों नहीं हुए। क्या गड्ढे में तब्दील सड़के  वर्षात के समय में बनायी जा सकेंगी।

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