हाईकोर्ट के आदेश से सपा नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ी,जानें क्यों हुई याचिका खारिज



समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद आज़म खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा। उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आज़म खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि पिछले महीने कोरोना संक्रमित होने के बाद से उनकी तबियत काफी खराब हो गयी थी, जिसके बाद आजम खान को इलाज के लिए मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दरअसल, सपा से  सांसद आज़म खान पर यूपी जलनिगम नियुक्ति धांधली मामले में केस चल रहा है, जिसपर आजम खान की ओर से हाईकोर्ट में अग्रिमत याचिका दायर की गयी थी। हालंकि शुक्रवार को लखनऊ खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के पश्चात जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश दिया है। 
बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के शासन काल में जल निगम में 1300 पदों पर नियुक्ति को लेकर आजम खान पर धांधली का आरोप लगा था। जिसके बाद 25 अप्रैल 2018 में नियुक्ति धांधली मामले में आजम खान के खिलाफ लखनऊ के एसआईटी थाने में IPC की धारा 409, 420, 120B और 201 के तहत केस दर्ज किया गया था। साथ ही रामपुर जिले के दो आपराधिक मामलों में आजम खान को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। पिछले साल अप्रैल में उनके खिलाफ बी वारंट जारी किया गया। तब से वह अदालत के आदेश पर सीतापुर जेल में बंद है। उनपर अवैध जमीन कब्जाने और फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के भी मुकदमे चल रहे हैं। 
गौरतलब है कि प्रदेश के पूर्व मंत्री मो. आजम खां पिछले एक महीने से बीमार हैं और गत 9 मई को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हे मेदान्ता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने बताया था कि आजम खां के फेफड़ों में फाइब्रोसिस और कैविटी के चलते गुर्दा में तकलीफ बढ़ गयी थीं। जिसके बाद उन्हें आईसीयू से क्रिटिकल केयर एवं नेफ्रोलाजी टीम की निगरानी में रखा गया। मेदांता के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर का कहना है कि आजम खां की तबीयत गंभीर है पर नियन्त्रण में है। उनकी ऑक्सीजन में कमी को देखते हुए उनका ऑक्सीजन सपोर्ट बढ़ाकर पांच लीटर कर दिया गया है।

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