15 जून से जानें कैसे घट जायेगा पूर्वांचल विश्वविद्यालय का दायरा
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (पूविवि) के एक और बंटवारे के बाद आदेश के अनुपालन की तैयारी शुरू हो गयी है।15 जून से इसका दायरा अब छोटा हो जाएगा। विश्वविद्यालय से संबद्ध दो जिलों आजमगढ़ और मऊ के महाविद्यालय नवसृजित आजमगढ़ विश्वविद्यालय से जुड़ जाएंगे। शासन से इसकी अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन कागजी औपचारिकताओं को पूरा करने में जुटा है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय का यह तीसरा विभाजन है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय से अभी पांच जिलों के 938 महाविद्यालय संबद्ध हैं। इसमें जौनपुर में 195, गाजीपुर के 333, आजमगढ़ के 250, मऊ के 195 और प्रयागराज का एक महाविद्यालय शामिल है। नए निर्देश के तहत आजमगढ़ और मऊ के महाविद्यालयों को आजमगढ़ विश्वविद्यालय से जोड़ दिया जाएगा। दोनों जिलों में कुल 445 महाविद्यालय हैं। इन महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष की पढ़ाई आजमगढ़ विश्वविद्यालय के अनरूप होगी, लेकिन द्वितीय व तृतीय वर्ष में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अनुसार की पढ़ाई फिलहाल चलती रहेगी। धीरे-धीरे इन कक्षाओं की संबद्धता भी पूर्वांचल विश्वविद्यालय से समाप्त हो जाएगी।
दो जिलों के अलग होने के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सिर्फ 529 महाविद्यालय ही संबद्ध रहेंगे। विश्वविद्यालय के बंटवारे के बाद महाविद्यालयों की संख्या लगभग आधी हो जाएगी। पूर्वांचल विश्वविद्यालय का यह तीसरा विभाजन है। इसके पहले चंदौली, वाराणसी, भदोही, सोनभद्र और मिर्जापुर के कॉलेज इससेे अलग कर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से जोड़ दिए गए थे।
इसके बाद बलिया में विश्वविद्यालय बनने के बाद वह जनपद भी पूर्वांचल विश्वविद्यालय से अलग हो गया। अब दो अन्य जिले भी कट रहे हैं। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार का कहना है कि विश्वविद्यालय के बंटवारे के लिए शासन ने पहले ही नोटीफिकेशन कर दिया है। 15 जून से आजमगढ़ और मऊ जनपदों के महाविद्यालय आजमगढ़ विश्वविद्यालय से जुड़ जाएंगे। शासनादेश के तहत मान लिया जाएगा कि दो जनपदों के महाविद्यालय विश्वविद्यालय से अलग हो जाएंगे।
पूविवि में बचेंगे 23 एडेड कॉलेज
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बंटवारे के बाद 23 वित्तपोषित महाविद्यालय, 501 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय और 5 राजकीय महाविद्यालय बचेंगे। बंटवारे के पहले कुल 938 महाविद्यालय हैं। इसमें 892 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय, 37 वित्तपोषित महाविद्यालय और नौ राजकीय महाविद्यालय शामिल हैं।
विवि को होगा करीब 36 करोड़ से अधिक का घाटा
बंटवारे के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय की आय पर विपरीत असर पड़ेगा। सत्र 2020-21 में कुल करीब 4.70 लाख विद्यार्थी पंजीकृत थे। इसमें आजमगढ़ के 1.35 लाख और मऊ के करीब 91 हजार छात्र पंजीकृत थे। बंटवारे के बाद 2.26 लाख छात्र आजमगढ़ विश्वविद्यालय से जुड़ जाएंगे। करीब इतने ही दाखिले नए सत्र में भी संभावित हैं। विश्वविद्यालय को महाविद्यालयों से केवल परीक्षा शुल्क मिलता है। प्रति छात्र 1500 से 1600 परीक्षा शुल्क के रूप में विश्वविद्यालय को मिलता है। इस तरह से विश्वविद्यालय को परीक्षा शुल्क के रूप में मिलने वाले करीब 36 करोड़ का घाटा हर साल उठाना पड़ेगा।
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