जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सदस्यों की खरीद फरोख्त के बाबत वायरल वीडियो से जिले की सियासत में आया भूचाल
जौनपुर। जिला पंचायत अध्यक्ष के आसन्न चुनाव को लेकर जनपद में भाजपा के एक नेता द्वारा जिला पंचायत सदस्यों के खरीद फरोख्त को लेकर जिसमें एस पी जौनपुर को सत्ता धारी दल का मदत गार भी बताया गया है। इस वायरल एक वीडियो को लेकर जिले की सियासत में एक तरफ का भूचाल आ गया है। लेकिन सरकारी अमला खास कर जिसके उपर भाजपा के लिए सदस्यों को फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगा है। सभी का चुप रहना बड़ा सवाल खड़ा करता है। जबकि प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल सपा के नेता गण इसे लेकर प्रशासन को पत्रक देते हुए इसे लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। हलांकि पुलिस के एक अधिकारी ने वायरल वीडियो के प्रति अनभिज्ञता जताया है।
यहां बतादे कि वायरल वीडियो में भाजपा नेता जिला पंचायत सदस्यों के बीच बात चीत करते हुए सीधे कहते हैं कि दूसरे लोग जितना पैसा देंगे उससे अधिक पैसा हम लोग देंगे। वो 40 देंगे तो हम 50 देंगे। इतने में भी बात नहीं बनी तो लगभग सभी जिला पंचायत सदस्यों के आपसी विवाद है और कहीं न कहीं मुजरिम भी है। फिर आगे कहते हैं कि कप्तान साहब ने 05 कुन्तल गांजा मंगा कर रख लिया है। 10-10 किग्रा लगा कर लोगों के खिलाफ रासुका लगा दिया जायेगा तब वह नहीं उनके बाबू भी देंगे। यह एक तरह से धमकी भी कहा जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार वार्ड 18 से जिला पंचायत सदस्य बनें भाजपा नेता सूबेदार सिंह का बताया जा रहा है। सूबेदार सिंह भाजपा के संभावित प्रत्याशी के अति खास बताये जा रहे हैं।
इस वायरल वीडियो को संज्ञान लेते हुए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया है साथ इस वीडियो को चुनाव आयोग तक भेजने की बात कही जा रही है। समाजवादी पार्टी ने इस वीडियो के माध्यम से प्रदेश की भाजपा सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए सीधे आरोप जड़ा है कि यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है। सरकार लोक तंत्र को खत्म करने पर तुली हुई है। लाल बहादुर यादव कहते हैं कि इसे चुनाव आयोग को भेजते हुए न्याय की गुहार लगाया जायेगा।
यहां सबसे खास बात यह है कि सपा द्वारा जिला प्रशासन को वायरल वीडियो के बाबत मय वीडियो के ज्ञापन दिया गया तो अपर जिलाधिकारी भू राजस्व ने आश्वासन दिया है कि वीडियो की जांच कर कार्यवाही होगी।ऐसा सपा जनों का कथन है।
वहीं पर जनपद में पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी करने पर सीधे दो टुक कह दिया कि उसके अथवा अधिकारीयों के संज्ञान में कोई ऐसा वीडियो नहीं है। जबकि वायरल वीडियो में पुलिस अधीक्षक को सीधे सदस्यों के उपर फर्जी कानून का डन्डा चलाने की बात कही गयी है। यहां सवाल यह भी है कि अगर पुलिस विभाग इस वीडियो को गम्भीरता से नहीं लिया तो निश्चित रूप से सवालों के कटघरे में खड़ा हो सकता है। जो भी हो लेकिन इस वीडियो ने इतना तो संकेत स्पष्ट कर दिया है कि जिले जिला पंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त होगी।
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