संकट काल में स्वार्थ त्याग कर पीड़ित की मदत करनी चाहिए - अम्बुज राय



जौनपुर। जहां एक तरफ महामारी की हाहाकार है वहीं दूसरी तरफ लोगों की मदद करने की दरकार है। जी हां अम्बुज राय वाराणसी ने अपने संदेश के माध्यम से  यह आग्रह किया है कि यह महामारी का दौर है, लोग इस वक्त परेशान हैं और समस्याओं से जूझ रहे हैं। अतः स्वार्थ का त्याग करते हुए जितना हो सके आगे आकर लोगों की मदद करें। जरूरी नहीं कि मदद सिर्फ भोजन देकर या रुपयों से की जाए। आप जिस तरीके से सामर्थ हो, हर संभव मदद करिए। मदद के लिए किसी गैर सरकारी या सरकारी संगठनों से जुड़े रहना ही जरूरी नहीं है आप आम व्यक्ति होकर भी एक असहाय व्यक्ति की मदद कर सकते हैं :- जैसे यदि आपके आसपास बुजुर्ग व्यक्ति हो और बाहर जाने में असमर्थ हो आप उसका बाहरी कार्य करवा दें,अगर किसी को टीकाकरण रजिस्ट्रेशन में समस्या हो आप उन्हें उत्साहित करके उनका वह काम पूरा करवा दें, लोगों को सामान की कालाबाजारी करने से रोके, जितना हो सके अपने मृदु संवाद के माध्यम से लोगों का उत्साहवर्धन करें। लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद करें। देश और समाज अपना है, अपनत्व का भाव रखते हुए आगे आएं। सरकार अपना प्रयास हर संभव तरीके से कर रही है। इस वक्त जो लोग इस महामारी में अपनों को खो रहे हैं वो अत्यंत दुखी है, लेकिन  फिर भी कुछ विषम परिस्थितियों में अन्य लोगों का सहारा बन रहे हैं l समाज के जो लोग सेवा कार्य कर रहे हैं और सरकार जो अपना प्रयास कर रही है उसमें सहयोगी बने। यह समय भेदभाव का नहीं एकजुट होकर महामारी से मुकाबला करने का है। इसलिए संक्रमण के किसी भी लक्षण को अनदेखा न करते हुए स्वयं को बचाने हेतु तुरंत उपचार प्रक्रिया शुरू कर दें। यकीन मानिए हम सब के सकारात्मक प्रयास से हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। वैक्सीन सुरक्षा कवच है इसलिए इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लें।

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