पुलिस और प्रशासन ने मिलकर भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष को जाने कैसे बना दिया गुण्डा
पीड़ित भाजपा मंडल उपाध्यक्ष सरकार के शीर्ष से लेकर प्रशासन के शीर्ष अधिकारीयों तक न्याय के लिए प्रत्यावेदन दिया लेकिन उसके साथ आज न्याय के बजाय अन्याय ही हुआ
जौनपुर। भाजपा के शासन काल में सरकारी तंत्र खास कर पुलिस कितनी बेलगाम है इसका एक उदाहरण है कि सरकारी अभिलेख में भाजपा के कार्यकर्ता को ही गुण्डा बना दिया गया।कार्यकर्ता
सरकारी तंत्र के टाप टू बाटम सभी अधिकारियों एवं सत्ता के शीर्ष पर बैठे भाजपा नेताओं के यहां अर्जी लगाते थक गया है उसे किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिल सका है। वर्तमान समय में वह सरकारी अभिलेख में एक कथित अपराधी माना जा रहा है। भाजपा के इस कार्यकर्ता ने अपने साथ घटित घटना के जरिए सरकार सहित सरकारी तंत्र को कटघरे में खड़ा करता है।
यहां बतादे कि जनपद के थाना खेतासराय क्षेत्र स्थित ग्राम गोरारी निवासी आनन्द बर्नवाल पुत्र जय प्रकाश बर्नवाल भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष है और विगत दो पंचवर्षीय में ग्राम पंचायत के प्रधान रहे हैं। वर्ष 2016 में उनके गांव के पास मुहर्रम के दौरान हिन्दू मुस्लिम के बीच कुछ विवाद के दौरान थानेदार की शिकायत इनको मंहगी पड़ गयी। एसपी की डांट से नाराज दरोगा ने इन्हें भी मल्जिम बना दिया। फिर 2017 में 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती के दिन दलित और मुस्लिम जनों के बीच समझौता कराने गयें बर्नवाल को फिर पुलिस ने अपने अभिलेख में मुल्जिम बना दिया।इसके बाद वर्ष 2020 में थाना खेतासराय की पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 3(1)गुण्डा एक्ट अधिनियम, गुण्डा नियंत्रण अधिनियम 1979 के तहत अपनी रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधीक्षक जौनपुर को भेजते हुए एक खतरनाक अपराधी करार दिया।
थाने से आयी रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा प्रदत्त अधिकार के तहत अपर जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारी कर आनंद बर्नवाल के खिलाफ गुण्डा एक्ट की कार्यवाही करने का आदेश जारी कर दिया है। पुलिस और प्रशासन के इस आदेश के खिलाफ आनन्द बर्नवाल जिला प्रशासन के डीएम एसपी सहित आई जी डीआइजी कमिश्नर सहित देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर खुद को भाजपा का सिपाही बताते हुए न्याय की गुहार लगाया है। आनन्द बर्नवाल का कथन साफ है कि उसे आज तक किसी भी स्तर से न्याय नहीं मिल सका है। किसी भी स्तर पर उसके प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया गया है। हलांकि वह लगातार मांग कर रहा है कि घटना की सीबीसीआईडी से जांच करा लिया जाये और हमारे दुकान पर लगे सीसीटीवी कैमरा का फुटेज देखा जाये अगर हम कहीं मारपीट अथवा साम्प्रदायिक दंगा फसाद में संलिप्त पाये जायें तो जो भी सजा मिलेगी स्वीकार होगा।
सरकार एवं सरकारी तंत्र से निराश आनन्द बर्नवाल आज मीडिया के समक्ष अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा किजब भाजपा के शासन काल में भाजपा के सिपाही को न्याय नहीं मिल रहा है तो आम जनों की क्या दशा होगी सहज अनुमान लगाया जा सकता है। हलांकि अब पीड़ित आनन्द बर्नवाल अपर जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रहा है।
Comments
Post a Comment