नदी में लाशों के मिलने का सिलसिला जारी, जाने मछुआ समाज में क्यों है गुस्सा



जौनपुर। कोविड-19 के संक्रमण के कारण जहां गांवों में मौत का सिलसिला जारी है, वही बिहार व उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर की सीमा से लगायत गाजीपुर,बलिया के बाद चंदौली सहित तमाम जनपद के अन्दर गंगा नदी में लाशों का मिलना जारी है जिससे पूर्वांचल में नदी के किनारे रहने वाले मछुआ समाज के लोग दहशत के साये में आ गये है। भयभीत इस लिये है कि कहीं कोरोना संक्रमण की चपेट में समाज के लोग बड़ी संख्या में न आ जाये। 
यहां बतादे कि आज जनपद चन्दौली के  धानापुर थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव के समीप गंगा में लगभग 8 शवों के मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना के बाद स्थानीय थाना के पुलिस के साथ सकलडीहा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा भी मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद आस-पास और शवों को खोजा और लाशों को जलवाया है। जानकारी के मुताबिक, कुछ शव कफन में लपेटे हुए हालत में है, कुछ सड़ी हुई हालत में आधा अधूरा है। लाशों के दुर्गंध से लोग नजदीक नहीं जा रहे हैं। इसके बावजूद अगल-बगल लाशों की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण जब गंगा घाट के समीप गए, तो गुरुवार को सुबह दुर्गंध आने लगी। दुर्गंध के कारण जब आसपास नजर फेरा गया तो देखा गया कि गंगा घाट के समीप कई शव दिख रहे हैं । इस संबंध में सकलडीहा के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक शवों के मिलने की सूचना मिली थी। जिस पर हम लोग धानापुर थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव के घाट पर पहुंचे हुए हैं। वहां नाव से अगल-बगल और शवों की खोज की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि यह शव कहा से कैसे आये है। सभी शवों का सावधानी पूर्वक जेसीबी से डिस्पोजल कराया जाएगा,ताकि संक्रमण का खतरा ना रहे।
इस संदर्भ में कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं मछुआ समाज के कार्यकर्ता धर्मेन्द्र निषाद ने बताया है लाशों को जलाने अथवा दफन करने का चाहे जितना उपक्रम सरकारी मशीनरी करें लेकिन ये लाशें जहां सरकार की अकर्मण्यता की कहानी बता रही है वही पर मछुआ समाज के लिए लाशों का नदी में बहना बड़े खतरे का संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया और नदी में लाशों का बहना नहीं रूका तो पूर्वांचल के मछुआ समाज के लोग आन्दोलन के लिए मजबूर हो सकते है। क्योंकि अपने समाज की सुरक्षा के लिए जेल भी जाना होगा तो समाज के जिम्मेदार पीछे नहीं रहेंगे। 

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