कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जाने क्या उपाय बता रहे है डाॅ एन के सिंह



जौनपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जौनपुर के सदस्यों ने कोरोना महामारी के वर्तमान दूसरे दौर में जनता को जागरूक करने के लिए और बीमारी से बचने के लिए एक जागरूकता अभियान चला रखा है। जिसके तहत इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है और बीमारी हो जाने पर क्या करना चाहिए, इसके बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की जा रही है।
इसी क्रम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जौनपुर के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर एन के सिंह ने कुछ बातें जनता को बताने के लिए की है। उनका कहना है, जैसे कि हर व्यक्ति आज जानता है और हर चिकित्सा विशेषज्ञ यह सुझाव दे रहा है कि इस महामारी से डरने की आवश्यकता नहीं है। इसके बारे में जानकारी रखकर और बीमारी से बचाव के उपाय अपनाकर सभी लोग इस रोग से बच सकते हैं। प्रायः देखा गया है कि कोरोना रोग के पॉजिटिव आने के पश्चात लोग पैनिक में आ जाते हैं जिसके कारण उनके शरीर इस प्रकार रिऐक्ट करने लगता है, जो बीमारी को बढ़ाने में सहायक हो जाता है। अतः पहली सबसे आवश्यक बात यही है कि बीमारी हो जाने पर पैनिक नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से आप रोग पर 50% से अधिक विजय प्राप्त कर लेंगे। 
सभी चिकित्सा विशेषज्ञों की राय है कि यदि जनता बढ़-चढ़कर वैक्सीनेशन में सहभागिता करें तो गंभीर कोरोनावायरस रोग से बचा जा सकता है। वैक्सीनेशन से संक्रमण तो पूरी तरह नहीं रुकेगा किंतु वैक्सीन लगवाने के उपरांत कोरोना संक्रमण के पश्चात गंभीर साइटोंकाइन स्टॉर्म और उस से होने वाले कॉम्प्लिकेशंस को रोका जा सकता है। अतः सभी लोगों को नियमानुसार वैक्सीनेशन कराना चाहिए। इसके बाद यदि किसी को संक्रमण हो जाता है चाहे वह जांच में rt-pcr द्वारा पॉजिटिव हो या ना हो, बुखार आदि होने पर विशेषज्ञों द्वारा बताए गए चिकित्सकीय प्रोटोकॉल का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए आप इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जौनपुर अथवा ज़िला प्रशासन द्वारा जारी टेलीमेडिसिन के नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं अथवा अपने फैमिली डॉक्टर से राय ले सकते हैं। ऑक्सीजन सैचुरेशन 93% से अधिक होने पर आपको अस्पताल जाने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है। सैचुरेशन यदि गिरता है तो आप पेट के बल लेटकर सांस लेने की एक्सरसाइज अवश्य करें। इस बात का ध्यान दें कि पेट के बल लेटने पर आपका पेट दबना नहीं चाहिए। यदि दब रहा है तो तकिया आदि लगाकर थोड़ा जगह बना ले और तब पेट के बल लेटकर सांस लें। ऐसा करने से यदि ऑक्सीजन सैचुरेशन में सुधार हो रहा है तो आप घर पर ही रह कर आइसोलेशन करें और दवा लेते रहें। यदि ऑक्सीजन सैचुरेशन कम हो रहा है तो अपने डॉक्टर की सलाह से निकटतम अस्पताल में अवश्य जाएं। अस्पताल में यदि डॉक्टर आपको इलाज करने के बाद यह कहता है कि अब आप ठीक हैं, तो तुरंत घर चले जाएं और अस्पताल छोड़ दें। आपके छोड़े हुए स्थान को कोई दूसरा अधिक जरूरतमंद व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है।
 अंत में जनता को यह विश्वास दिलाना है कि सब मिलकर इस कोरोनावायरस से अवश्य जीतेंगे और समय के साथ यह बीमारी समाप्त हो जाएगी। इस समय हिम्मत से काम ले। ड़रें बिल्कुल नहीं और जागरूक रहें। वैक्सीनेशन अवश्य लगवा ले और घर के बाहर कम से कम निकले। घर से निकलने के समय मास्क अवश्य लगा ले और यदि संभव हो तो सोशल डिस्टेंसिंग 6 फीट की दूरी बनाकर रखें।

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