केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार के पत्र ने यूपी में खोली व्यवस्था की पोल, मचा हड़कंप




कोरोना संकटकाल में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष के नेताओं के साथ ही अब भाजपा नेता सहित मंत्री भी इस बाबत शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी है। मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री संतोष गंगवार ने प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं की अव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है। 
कैबिनेट मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी में अफसरों के फोन न उठाने की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में उपयोग में लाए जाने वाले मेडिकल उपकरण डेढ़ गुना से ज्यादा कीमतों पर बेचे जा रहे हैं। इसके साथ ही अस्पतालों में उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा जो आर्थिक रूप से कमजोर है। मरीजों को रेफर के नाम पर इधर-उधर घुमाया जाता है जिस कारण कई मरीजों की हालत और गंभीर हो जाती है औ,बाग मरने को मजबूर हो जा रहे हैं। 
सीएम के साथ बैठक में खोली पोल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना मरीजों और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए मुरादाबाद और बरेली का दौरा किया था। बरेली में मुख्यमंत्री योगी ने भाजपा नेताओं से भी मुलाकात की थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री और बरेली के सांसद संतोष गंगवार और आंवला के सांसद समेत कई भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के सामने सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी थी। गंगवार ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। गंगवार का पत्र वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। जानकारों का कहना है कि बैठक में ही यह पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा गया था। 
 गंगवार ने अपने पत्र में कोरोना मरीजों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी कोई मरीज किसी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए जाता है तो उसे जिला अस्पताल से दोबारा रेफर करवाकर लाने को कहा जाता है। इससे कई मरीजों की हालत और गंभीर हो जा रही है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कम से कम समय में रेफर अस्पतालों में कोरोना मरीजों की भर्ती की जाए। केंद्रीय मंत्री ने बायोपैक मशीन, वेंटिलेटर, मल्टी पैरा मॉनिटर और अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों को बाजार में अधिक कीमत पर बेचे जाने की शिकायत भी की है और कहा है कि प्रदेश सरकार को इन चीजों का दाम तय करना चाहिए। 
अफसर नहीं उठाते फोन गंगवार ने बरेली में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े कई अफसरों के फोन न उठाने की भी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के फोन करने पर अफसर फोन नहीं उठाते हैं। यहां तक कि अफसर मेरा भी फोन नहीं उठाते। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि संक्रमित मरीजों को किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती कराया जा सके और उन निजी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पतालों की तरह सुविधा दी जाए। उन्होंने बरेली में खाली आक्सीजन सिलेंडरों की भारी कमी का मुद्दा भी उठाया है। मंत्री ने कहा कि इसका प्रमुख कारण यह है कि बहुत से लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घरों में एहतियात के तौर पर रख लिए हैं और अब मनमानी कीमत पर इसे बेचा जा रहा है। ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी पर रोक लगे गंगवार ने कहा कि मनमाने दाम पर ऑक्सीजन की सिलेंडर की बिक्री करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचाए जा सके। उन्होंने मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की तरह बरेली में भी सरकारी अस्पतालों और कुछ निजी अस्पतालों को 50 फ़ीसदी छूट देने के साथ जल्द से जल्द ऑक्सीजन संयंत्र मुहैया कराया जाना चाहिए। उन्होंने आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों में कोरोना की वैक्सीन लगाने का भी सुझाव दिया है।

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