नव निर्वाचित ग्राम प्रधानो के शपथ ग्रहण की जाने क्या तय हुई अगली तिथि
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के परिणाम आने बाद निर्वाचन प्रमाण पत्र मिले दो सप्ताह बीतने जा रहा है इसके बाद भी ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण न होने से गांवों में ऊहापोह की स्थिति बनी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर के कारण शपथ ग्रहण कार्यक्रम कराने से यूपी सरकार विलम्ब कर रही है। वहीं, गांवों में कोरोना से मौतों का सिलसिला बढ़ने से नवनिर्वाचित प्रधानों के लिए सिर मुंडवाते ही ओले पड़ने जैसे हालात हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश के गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का ठीकरा विपक्ष ने पंचायत चुनाव पर फोड़ा है। कोर्ट द्वारा भी पंचायत चुनाव के दौरान संक्रमण से बचाव के उचित प्रबंध न हो पाने के मुद्दे पर सरकार पर कड़ी टिप्पणी की जा चुकी है। ऐसे में प्रधानों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम व ग्राम पंचायतों की पहली बैठक पूरे प्रदेश में एक साथ कराने पर सहमति नहीं बन पाई है। माना जा रहा है कि सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों का चुनाव जून माह में कराने का मन बना चुकी है। सरकार शपथ ग्रहण कार्यक्रम करने का फैसला भी जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती।
पंचायतों की पहली बैठक का फैसला जल्द :
पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार की प्राथमिकता कोरोना को काबू करने की है। जल्दबाजी में ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया जाना चाहिए जिससे हालात और विकट हो जाएं। ग्राम प्रधानों की शपथ व ग्राम पंचायतों की पहली बैठक कराने का फैसला जल्द लिया जाएगा।
27 मई से पूर्व शपथ संभव : ग्राम प्रधानों का शपथ ग्रहण 27 मई से पहले की करा लेने का प्रस्ताव है। ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्यों को ब्लॉक स्तर पर एक साथ शपथ दिलाने की परंपरा रही है। प्रत्येक ब्लाक में प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ शपथ कराने पर लगभग 1000 लोगों के उपस्थित होने की संभावना रहती है। ऐसे में सुरक्षित शारीरिक दूरी व अन्य प्रोटोकॉल अपनाने की व्यवस्था करनी होगी। तैयारियों को लेकर आश्वस्त होने के बाद ही शपथ हो सकेगी।
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