कोरोना महामारी के साथ अब एक नया संक्रमण चिन्ता का बिषय,विशेषज्ञों की जाने क्या है राय
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच अब एक नया संक्रमण आ गया है जो लोगों को चिन्ता में डाल दिया है। देश दुनियां के सभी लोग कोरोना को लेकर भयभीत हो चुके हैं । इसी बीच लोगों को चिंतित करने वाली एक खबर सामने आई है। कई मरीजों में एक नई समस्या देखने को मिल रही है। कई मरीजों में दुर्लभ फंगल संक्रमण देखा गया है। म्यूकोमाइकोसिस जिसे बोलचाल में लोग ‘काली फंगस'(Black Fungus) कह रहे हैं, इसके कई मरीज सामने आए हैं। इस समस्या से पीड़ित लोगों में कई तरह की समस्याओं के साथ सबसे बड़ा खतरा अंधे होने का है। इसके ज्यादातर मामले अभी महाराष्ट्र और गुजरात में मिले हैं।
जानकारों की मानें तो गुजरात से म्यूकोमाइकोसिस के रोगी आ रहे हैं। इस तरह के पचास मरीजों का इलाज किया जा चुका है जबकि 60 और मरीजों का इलाज किया जाना है। इनमें सात मरीज आंख की रोशनी खो चुके हैं। वहीं सूरत के जिला अस्पताल के रेजीडेंट मेडिकल आफीसर केतन नाइक का कहना है कि इस तरह के मरीजों की अलग व्यवस्था की गई है। उधर अहमदाबाद अशर्व अस्पताल के आंख नाक गला (ईएनटी) विशेषज्ञ डा.देवांग गुप्ता का बयान आया है कि अस्पताल में हर दिन इस समस्या के पांच से 10 मरीज आ रहे हैं। हर पांच मरीजों में कम से कम एक मरीज आंख की समस्या से परेशान है। अब तक कई लोग अंधे हो चुके हैं।
इधर मुंबई से मिली खबरों के अनुसार महाराष्ट्र में, अब तक कम से कम आठ मरीज म्यूकोमाइकोसिस के कारण अंधे हो चुके हैं। ये सभी हाल ही में कोरोना से उबरे थे। इस समस्या से ग्रस्त करीब 200 मरीजों का इलाज चल रहा है।
सरकार के चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख डा.तात्याराव लहाणे ने बताया कि ये लोग कोरोना से तो उबर गए लेकिन इनके कमजोर इम्यून सिस्टम पर फंगल संक्रमण का हमला हो गया।उन्होंने कहा कि यह बीमारी नई नहीं है। लेकिन कोरोना से उबरे लोगों में इसका पनपना चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज में स्टेरायड का बहुतायत से प्रयोग होने से लोगों में सुगर लेवल बढ़ जाता है। कुछ दवाएं लोगों की इम्यून पावर को कम कर रही हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों में फंगल का हमला बहुत आसानी से हो सकता है। डा.लहाने ने कहा कि संक्रमण के एक मामले में हमें मरीज की जान बचाने के लिए उसकी एक आंख निकालनी पड़ी।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने इस बीमारी के पनपने की जानकारी मीडिया को दी थी। यह बीमारी गीली सतह पर पाई जाने वाली म्यूकोर फंगस से होती है। उन्होंने कहा था अभी स्थिति विस्फोटक नहीं हुई है। हम इस पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने सलाह दी थी कि जब कोरोना मरीज आक्सीजन पर हो तो यह ध्यान रखा जाए कि ह्यूमिडीफायर से पानी लीक न हो। क्योंकि गीलेपन से फंगस पनपने का खतरा पैदा हो सकता है। इसके अलावा कोरोना पीड़ितों के इलाज में स्टेरायड का प्रयोग बहुत सोच समझ कर किया जाए।
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