प्राणायामों के अभ्यासों से निर्मित करें अपना सुरक्षा कवच- अचल हरीमूर्ति
जौनपुर। वैश्विक महामारी के इस दौर में प्राणायामों का नियमित और निरन्तर अभ्यास एक बेहतरीन सुरक्षा कवच के रूप में जाना जानें लगा है और सामान्यतः हर व्यक्ति अपने अपने शक्ति और सामर्थ्य के अनुसार योगाभ्यास करना शुरू कर दिया है। यह बातें पतंजलि योग समिति के प्रान्तीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति के द्वारा गुरुवार को अपने शिविर में योग शिक्षकों को प्रशिक्षण देते हुए कही गई है।
श्री हरीमूर्ति के द्वारा बताया गया है पूरक,रेचक और कुम्भक क्रियाओं का नियमित अभ्यास करके हर व्यक्ति अपने श्वसन तंत्र को बिल्कुल मजबूत बना सकता है इसलिए कम से कम 10 मिनट तक इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए। पाचन-तंत्र के साथ मधुमेह, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से पूर्णतः समाधान हेतु कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास अवश्य किया जाना चाहिए।
मनोदैहिक सन्तुलन बनाए रखने के लिए अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और उद्गगीथ प्राणायामों का अभ्यास प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम आधा घंटा अवश्य करना चाहिए और इसके अतिरिक्त दस मिनट का ध्यान और योगनिद्रा का अभ्यास करके हर व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से अपने आपको कोरोना जैसी महामारी से बचा सकता है।
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