जेल में तड़तड़ाई गोलियां, तीन बदमाश कैदियों की मौत,अन्दर जबर्दस्त तनाव,जाने क्या है कारण



प्रदेश के चित्रकूट जिले की जेल से बड़ी खबर आयी है। यहां जेल में कैदियों के बीच आपस में भिड़ंत की खबर हैं। बताया गया   है कि इस दौरान जबरदस्त गोलाबारी भी हुई है। जिसमें दर्जनों राउंड गोलियां चली है। इसमें दोनों तरफ के कैदियों की मौत भी हुई है। मिली जानकारी में चित्रकूट जेल गोलीकांड में अंशु दीक्षित नामक बंदी ने फायरिंग कर मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को मार डाला है। मुकीम काला पश्चिम यूपी का बड़ा बदमाश बताया जा रहा है। वहीं अंशुल दीक्षित भी पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई में मारा गया है। 
चित्रकूट जेल से प्राप्त खबर के अनुसार जिला जेल चित्रकूट की उच्च सुरक्षा बैरक में निरुद्ध अंशु दीक्षित ने मुकीम काला तथा मेराज अली को असलहे से मार दिया तथा पांच अन्य बंदियों को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद सभी को मार देने की धमकी देने लगा। उसके पास असलहा होने के कारण जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन को सूचना दी। चित्रकूट के डीएम और एसपी द्वारा पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने और समझाने का प्रयास किया किंतु वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा। उसकी आक्रामकता तथा जिद को देखते हुए पुलिस द्वारा भी फायरिंग की गयी, जिसमें अंशु दीक्षित भी मारा गया। इस प्रकार कुल 3 बंदी इस घटना में मारे गए हैं। 
अंशु दीक्षित जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट जेल में आया था तो वहीं बंदी मुकीम काला सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आया था। इसके साथ साथ बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर यहां की जेल में मेराज अली को लाया गया था। फिलहाल कारागार में तलाशी कराई जा रही है और जिलाधिकारी तथा एसपी मौके पर मौजूद हैं। तीनों के मारे जाने के बाद स्थिति नियंत्रण में बतायी जा रही है।
यहां सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आखिर जेल के अन्दर असलहा पहुंचा कैसे? इसके लिये जिम्मेदार कौन है?। क्या इसका खुलासा सरकारी तंत्र कर सकेगा। इस घटना के एक दिन पहले ही अम्बेडकर नगर की जेल में गोली बारी की घटना चर्चा में आयी है ।

 

Comments

Popular posts from this blog

इंजीनियर आत्महत्या काण्ड के अभियुक्त पहुंच गए हाईकोर्ट लगा दी जमानत की अर्जी सुनवाई सोमवार को फैसले का है इंतजार

अटल जी के जीवन में 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा"की थी स्पष्ट क्षलक -डा अखिलेश्वर शुक्ला ।

त्योहार पर कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने एवं हर स्थित से निपटने के लिए बलवा ड्रील का हुआ अभ्यास,जाने क्या है बलवा ड्रील