बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की उठने लगी है मांग
देशभर में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे नए मामलों के बीच जहां एक ओर विद्यार्थी समूह परीक्षाओं का आयोजन करने और परीक्षाएं रद्द करने को लेकर देश की शीर्ष अदालत में पहुंच चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर देशभर में अब बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
बता दें कि बीते एक दिन में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 1.50 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं, जिससे देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 11 लाख के पार पहुंच गई है। ऊपरी तौर पर देखने में लगता है कि परीक्षाओं के आयोजन का मामला राजनीतिक रंग ले रहा है। लेकिन इन सबके बीच, विश्लेषकों को मानना है कि जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसे लेकर अभिभावकों और विद्यार्थियों को महामारी के चपेट में आने की चिंता होना स्वभाविक है। इस स्थिति को लेकर बोर्ड से परीक्षाओं को रद्द करने की मांग लगातार उठ रही है।
खबर है कि दिल्ली सरकार ने परीक्षाओं को टालने की मांग का समर्थन किया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीएसई द्वारा आयोजित होने वाली प्रैक्टिकल परीक्षाओं को 20 अप्रैल तक स्थगित करने का सुझाव दिया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने पहले से ही सरकारी और निजी स्कूलों को बंद कर दिया था।
सूत्र की माने तो 11 अप्रैल को देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर, सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को देश के लाखों बच्चों और उनके अभिभावकों की चिंताओं से अवगत कराया है।
प्रियंका वाड्रा ने चेताया कि महामारी के तेजी से बढ़ते मामलों के दौरान बच्चों को इन परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यदि किसी भी परीक्षा केंद्र एक बड़ी संख्या में बच्चों के परीक्षा में भाग लेने पर कोई भी महामारी से संक्रमित होता है तो इसके लिए सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सरकार और सीबीएसई बोर्ड क्या इस महामारी से प्रभावित होने वाले छात्रों या अन्य लोगों के लिए कानूनी दायित्व के लिए तैयार हैं?
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया है। इस क्रम उत्तर प्रदेश सरकार ने कक्षा 12वीं तक के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों को 30 अप्रैल, 2021 तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है। हालांकि, राज्य में परीक्षाओं के आयोजन को लेकर शिक्षण संस्थानों को फिलहाल छूट दी गई है। कोरोना काल में शिक्षण संस्थानों को बंद करने से अभिभावकों की परेशानी तो घटी है लेकिन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं किए जाने से चिंताएं बरकरार है।
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