सवालः आखिर यूपी बोर्ड की परीक्षा होगी अथवा नहीं, छात्र असमंजस की स्थिति में
कोरोना महामारी के कारण करीब एक साल तक लगे लॉकडाउन से यूपी बोर्ड अभी तक नहीं उबर पाया है. इस बार दिसंबर महीने तक परीक्षा फॉर्म भरे गए. तीन बार परीक्षा स्थगित की जा चुकी है. लेकिन अभी भी कोई नहीं जानता कि बोर्ड परीक्षाएं कब और कैसे होंगी. हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की राह में कदम कदम पर बाधाएं आ रही हैं. इसकी वजह से पैदा हुए असमंजस के कारण यूपी बोर्ड के करीब 56 लाख छात्र परेशान हैं.
छात्रों के असमंजस में होने की सबसे बड़ी वजह है परीक्षा का तीन बार स्थगित होना. सबसे पहले इसे फरवरी में आयोजित किया जाना था. लेकिन फिर 24 अप्रैल की डेट फाइनल हुई. इस बीच पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी गई. जिसकी वह से इसे स्थगित करके आठ मई से कराने का फैसला लिया गया. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस बाधा बने और इसे 20 मई तक के लिए टालना पड़ा.
कम पड़ सकते हैं परीक्षा केंद्र
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में अड़चन इतनी ही नहीं है. कई प्रधानाचार्यों का कहना है कि अभी तक बनाए गए परीक्षा केंद्रों की संख्या भी कम है. कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया गया है. निर्देश के अनुसार प्रत्येक छात्र के लिए 25 वर्ग फीट का क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है. पहले यह नियम 36 वर्ग फीट का था. शारीरिक दूरी की वजह से छात्रों के बैठाने की व्यवस्था कम पड़ सकती है. बता दें कि यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए करीब 8497 सेंटर फाइनल किए गए हैं.
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