राजकीय बालिका इन्टर कालेज का जर्जर भवन हुआ धराशायी,बड़ी दुर्घटना होने से बची


जौनपुर। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मड़ियाहूँ के जर्जर भवन का एक हिस्सा आज दिन में विद्यालय संचालन के समय अचानक  ध्वस्त होने से बड़ी दुर्घटना होने  से बच गयी लेकिन विद्यालय के शिक्षक सहित छात्र छात्रायें दहशत मे आ गयी है अब वहां पर पढ़ने पढ़ाने का साहस कोई नहीं कर रहा है।इस जर्जर भवन की मरम्मत न होना शिक्षा विभाग ( जिला  विद्यालय निरीक्षक ) की घोर लापरवाही माना जा रहा है। बता दें घटना के समय जर्जर छत के नीचे ही अध्यापिकायें व छात्राएं शिक्षण कार्य में लीन थी लेकिन संयोग ही था कि बाल बाल बच गये अन्यथा जिले की बड़ी हो सकती थी।  यहां बतादे कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मड़ियाहूँ  रानीपुर मार्ग पर स्थित है जो वर्षो से  काफी जर्जर हो चुका है उसी भवन में  विद्यालय चलाया जा रहा है मिली जानकारी के अनुसार इस विद्यालय भवन का निर्माण 1916 में हुआ था। इसको नये सिरे से बनाने के बजाय जिला विद्यालय निरीक्षक विभाग कुछ मरम्मत का कार्य करवा दिया और विद्यालय को चलाया जा रहा है यहाँ के प्रभारी द्वारा लगातार भवन बनवाने के बाबत पत्राचार किया गया लेकिन किसी ने ध्यान देना उचित नहीं समझा। आज भी विद्यालय भवन निर्मित नहीं हो सका है जबकि विद्यालय के पास अपनी जमीन भी है। सूत्र बताते है कि विद्यालय की प्रधानाचार्य व समस्त स्टाफ लगातार  प्रयास करते रहे हैं कि विद्यालय भवन का निर्माण हो जाए लेकिन उनकी आवाज अधिकारीयों की नज़र में ढाक के तीन पात रही है।  
आज की दुर्घटना में रश्मि सिंह नामक अध्यापिका बाल-बाल बची और इतना घबरा गई कि काफी देर तक सुन्न की स्थित में नजर आयी।   एक अध्यापिका ने तो घबराहट में यह भी कह डाला कि जब तक विद्यालय बन नहीं जाता तब तक शिक्षण का कार्य नहीं किया जायेगा ।साथ ही सवाल खड़ा किया कि एक तरफ योगी सरकार शिक्षा को सुदृढ़ बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है वहीं पर शिक्षा के मंदिर की यह दशा योगी सरकार के प्रयासों पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है । साथ ही जौनपुर जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कुम्भ कर्णी निद्रा कब खुलेगी यह भी एक बडा सवाल है। शिक्षिकाओ ने कहा कि क्या विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इन्तजार कर रहा है। सवाल यह है कि क्या किसी विद्यालय कर्मी या किसी अध्यापिका या किसी छात्रा के मृत्यु का इंतजार किया जा रहा है। प्रशासन बड़ी घटना होने के बाद ही नींद से जगेगा।
 जर्जर विद्यालय भवन गिरने के बाद आस पास के ग्रामीण जनो ने बताया कि विगत कुछ वर्ष पूर्व विद्यालय भवन निर्माण के लिये शासन से पैसा आया था जब नीव की खुदाई शुरू की गयीं तो उस समय के सत्तापक्ष के एक नेता ने  सत्ता की हनक में विद्यालय की जमीन को अपनी जमीन बता कर निर्माण कार्य को रोकवा दिया। तब से आज तक इस सरकारी विद्यालय का भवन नहीं बन सका है। हलांकि अब एक बार फिर से इस जर्जर राजकीय विद्यालय भवन की ओर आकृष्ट करते हुए अपेक्षा है कि यहां पर किसी बड़ी दुर्घटना से बचाने के लिए विभाग के जरिए नये भवन की व्यवस्था कराये ताकि छात्र छात्राओं सहित शिक्षक सुरक्षित शिक्षण कार्य कर सकें। 


 

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