पंचायत चुनाव में पूर्व प्रधान को गोली मार कर हत्या


पंचायत चुनावों को लेकर सुरक्षा के दावें खोखले नजर आ रहे हैं। चुनावी रंजिश में एक बार फिर से खूनी खेल खेला गया। बेखौफ़ बदमाशों ने बड़ागांव इलाके में प्रधान पद के प्रत्याशी की गोली मारकर हत्या कर दी। बनारस में पिछले एक हफ्ते में ताबड़तोड़ वारदात की ये तीसरी बड़ी घटना है. फिलहाल पुलिस मामले की जाँच में जुटी है। कामयाब नहीं होती दिख रही कमिश्नरी सिस्टम वाराणसी की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया था। लेकिन हाल के दिनों में जिस तेजी से घटनाओं को अंजाम दिया जा गया है, उससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं। बदमाशों ने अबकी बार तीन बार के ग्राम प्रधान रहे पप्पू यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। बदमाशों ने उन्हें धोखे से गांव के बाहर बुलाया। इसके बाद सीने में सात गोलियां उतार दी। वारदात के पीछे चुनावी रंजिश बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार जमीन के विवाद में भी मृतक का गांव के कुछ दबंगों से रंजिश चल रही थी। पप्पू यादव ने गांव की एक ज़मीन का बैनामा कराया था। इसे लेकर गांव के ही एक हिस्ट्रीशीटर ने धमकी दी थी।  इंद्रपुर गांव से लगातार 20 वर्षों से प्रधान पप्पू यादव ने दो दिन पहले ही नामांकन पर्चा दाखिल किया था। घटना की शाम वह जनसम्पर्क के बाद घर लौट रहे थे। इस बीच सैरा गांव के समीप बदमाशों ने उन्हें गोली मार दिया। गोली की आवाज सुनकर दौड़े स्थानीय ग्रामीण पूर्व प्रधान को लेकर मलदहिया स्थित निजी अस्पताल पहुंचे। जहां उन्हें बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने उनके मौत की पुष्टि कर दी। इसके बाद जानकारी होने पर सैकड़ों की संख्या में समर्थक जुट गए।

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