कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते आन-लाइन कक्षायें चलाने का फैसला कुलपति पर


उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालय और कालेजों में अब भौतिक रूप से कक्षाएं चलाने की बजाए ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का फैसला कुलपति पर छोड़ दिया गया है। कुलपति की संस्तुति पर जिलाधिकारी स्थिति का आकलन कर कैंपस बंद करने का निर्णय लेंगे। दोनों की आपसी सहमति से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी।

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने अप्रैल में उच्च शिक्षण संस्थानों के संचालन के लिए गुरुवार को नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। इसके तहत कोरोना से बचाव के सभी जरूरी उपायों के साथ लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 24 से 31 मार्च तक ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद भौतिक रूप से कैंपस में कक्षाएं चलाए जाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन इस बीच लखनऊ विश्वविद्यालय में छह से ज्यादा शिक्षक संक्रमित हो गए, जबकि एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर की मौत हो गई।

लखनऊ में ही एक निजी विश्वविद्यालय में भी संक्रमण ने पांव पसार दिए। ऐसे में इन परिस्थितियों को देखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का फैसला कुलपति पर छोड़ दिया गया है। स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं की लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षाएं अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगी। परीक्षा देने आ रहे विद्यार्थियों की गेट पर थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। प्रत्येक पाली की परीक्षा से पहले पूरे कैंपस को सैनिटाइज किया जाएगा। विद्यार्थियों को मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा। दो गज की शारीरिक दूरी का भी कड़ाई से पालन कराया जाएगा। बायोमीट्रिक उपस्थिति की बजाए रजिस्टर पर उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी।


यदि किसी शिक्षक, कर्मचारी या छात्र को सर्दी-जुकाम या बुखार के लक्षण हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देकर वापस घर भेज दिया जाएगा। कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य विभाग की मदद से जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट पाजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल का सख्ती से पालन कराया जाएगा। छात्र एक दूसरे से किसी भी वस्तु का लेन-देन नहीं कर सकेंगे। ठेला व खोमचा लेकर कोई बाहरी विक्रेता कैंपस में खाद्य पदार्थ नहीं बेच सकेगा।

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