प्रशासन के शख्ती का असर नहीं,सत्ताधारी दल के जन प्रतिनिधि उड़ा रहे है कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां



जौनपुर। जनपद में हो रहे पंचायत के चुनाव में एक तरफ जिला प्रशासन कोविड 19 की गाइड लाइन के पालन हेतु कसरतें कर रहा है और अनुपालन न करने की दिशा में विधिक कार्यवाही की चेतावनी भी देता फिर रहा है वहीं पर सत्ता धारी दल जन प्रतिनिधि गण खुलेआम कोविड 19 के गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाते हुए पंचायत के चुनाव में जिला पंचायत से लेकर ग्राम प्रधान पदों के लिए प्रचार कर रहे हैं। इनके खिलाफ प्रशासन की ओर कोई भी विधिक कार्यवाही नहीं किया जाना संकेत करता है कि प्रशासन की ओर से सत्ता पक्ष के लोगों को गाइडलाइन की अवहेलना की छूट प्रदान कर दी गयी है। 
यहां बतादे कि आज जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा एवं पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर द्वारा सिकरारा बाजार में प्रत्याशियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक की गयी। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन प्रत्येक दशा में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले व्यक्तियों को 07 दिन कॉरेन्टीन रहना पड़ेगा।  किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर निगरानी समिति को सूचना देनी होगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गांव में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सूचना तत्काल दे। कोई भी व्यक्ति बाहर से आए हुए अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों को अपने घर में संरक्षण न दें, ऐसा करने वाले के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने असमाजिक तत्वों को चेतावनी दी कि गड़बड़ी करने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सबसे अपील की कि मतदान करने के बाद अपने घर जाए, कही भीड़ न लगाए। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि ईमानदारी एवं निष्पक्षता से चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम प्रकाश द्वारा थाना सरपतहां में प्रत्याशियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक कर कोविड-19 के नियमों के अंतर्गत ही चुनाव प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए।
खबर यह है जिस समय जिले के अधिकारी सिकरारा में कोविड 19 की गाइड लाइन के पालन का निर्देश दे रहे थे उसी समय जौनपुर मछली शहर के सांसद बी पी सरोज विकास खण्ड धर्मापुर के कई ग्राम सभाओं में जिसमें इमलो पान्डेपट्टी एवं उत्तरगावां में पंचायत चुनाव को लेकर जन सभा कर रहे थे। जन सभा में कोविड 19 के गाइड लाइन की धज्जियां लोगों ने खूब उड़ाया। वायरल फोटो में साफ दिख रहा है न तो दो गज की दूरी है नहीं कोई मास्क ही लगाया हुआ है। इस पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की नज़र नहीं गयी क्यों यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। क्या सत्ता पक्ष का जन प्रतिनिधि होने के नाते प्रशासन अथवा जिम्मेदार लोगों ने अनदेखी कर दिया अथवा कोविड 19 की गाइड लाइन सत्ता धारी दल के लोगों के लिये नहीं है। जो भी हो लेकिन यह बात पूरे इलाके में खासा चर्चा का बिषय रहा है। अब देखना यह है कि सरकारी तंत्र द्वारा इस जन प्रतिनिधि के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है अथवा गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाने की छूट प्रदान करेगा। 


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