माफियाओ के खिलाफ यूपी सरकार के कदम, मुख्तार के बाद अतीक की बारी



उत्तर प्रदेश की सरकार माफिया मुख्तार अंसारी के बाद माफिया अतीक अहमद को गुजरात से उत्तर प्रदेश लाने की कवायद शुरू कर दिया है। इस आशय का खुलासा सरकार के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने एक बयान के जरिए  किया है कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से लाने के बाद योगी सरकार अब माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात से उत्तर प्रदेश लाएगी। उनके इस बयान के बाद अब अतीक को यूपी लाए जाने की चर्चा तेज हो गई है।
यूपी के मंत्री ने दावा किया कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब सरकार के तमाम तिकड़म के बावजूद योगी सरकार उत्तर प्रदेश लाने में सफल हो गई है। अतीक अहमद अभी गुजरात की जेल में है। उसका समय भी अब निश्चित रूप से आएगा। उसने उत्तर प्रदेश के लोगों को परेशान किया है। लोग ऐसे अपराधियों को सजा दिलाना चाहते हैं।
यहाँ बतादे कि अतीक अहमद के पिता फिरोज इलाहाबाद स्टेशन पर तांगा चलाते थे। किसी तरह मुफलिसी में उन्होंने अतीक को पढ़ाया लेकिन हाई स्कूल में फेल होने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। उसे अमीर बनना था इसलिए अपराध की दुनिया में कदम रखा।
अपराध जगत में अतीक शुरुआत 1979 में इलाहाबाद में हत्‍या के मामले से हुई थी। उस समय अतीक की उम्र मात्र 17 साल की थी। अगले तीन दशक तक इलाहाबाद, फूलपुर और चित्रकूट में उन्‍होंने एक गिरोह चलाया। प्रयागराज के एसपी (क्राइम) रहे मनोज अवस्‍थी कहते हैं, 'इलाहाबाद के खुल्‍दाबाद पुलिस स्‍टेशन में अतीक हिस्‍ट्री शीटर नंबर 39A हैं।' पुलिस के डोजियर के मुताबिक अतीक के गैंग को 'अंतरराज्‍य गिरोह 227' के रूप में लिस्‍टेड किया गया है जिसमें 121 सदस्‍य शामिल हैं।


अतीक अहमद डॉन से 1989 में नेता हो गए। वर्ष 2004 तक वह छह बार चुनाव जीते। इसमें पांच बार वह इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधायक और एक बार फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे। अतीक ने निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी लेकिन बाद में उन्‍होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली। इसके बाद वह अपना दल चले गए।
वर्ष 2004 के चुनाव में अतीक ने एसपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में उन्‍हें असफलता हाथ लगी। वर्ष 2018 के लोकसभा उपचुनाव में अतीक अहमद चुनाव लड़े और उन्‍हें शिकस्‍त मिली। एसपी अध्‍यक्ष अखिलेश यादव खुलेआम कह चुके हैं कि वह अतीक को नापसंद करते हैं। इन सबके बीच अतीक का नाम वर्ष 2005 में बीएसपी एमएलए राजू पाल की हत्‍या में आया था। राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को चुनाव में हराया था।

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