पत्रकार पुत्र की घटना: नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी में विलम्ब का कारण क्या ?
जौनपुर । बड़ी मसक्कत के बाद थाना लाईन बाजार की पुलिस ने पत्रकार पुत्र के उपर जानलेवा हमला करने वाले एक नाम जद अभियुक्त श्रवण सिंह उर्फ शालू को गिरफ्तार कर बजरिये अदालत न्यायिक अभिरक्षा में सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। यहां बतादे कि विगत एक माह पूर्व पत्रकार राजकुमार सिंह के पुत्र प्रियंजुल दुकान निकट टीवी अस्पताल पर घुसकर जानलेवा हमला करते हुए लूट-पाट किया गया था। घटना में लाइन बाजार पुलिस ने तहरीर के आधार पर नामजद अभियुक्त श्रवण सिंह उर्फ शालू को बनाया था जिसे बुधवार यानी 21अप्रैल को गिरफ्तार किया गया पुलिस ने अभियुक्त को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया मजिस्ट्रेट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। जेल के बाहर जांच में श्रवण सिंह शालू की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।
जानकारी के मुताबिक 19 मार्च को पत्रकार पुत्र प्रियंजुल सिंह की फर्नीचर की दुकान आराध्या फर्नीचर में दिनदहाड़े ध्रुव सिंह गुड्डा और श्रवण सिंह शालू के नेतृत्व में 8-10 की तादाद में बदमाशों ने लूटपाट की और दुकानदार प्रियंजुल सिंह पर जानलेवा हमला किया व दुकान में रखे लाखों रुपए के फर्नीचर तोड़ डाले इस हमले में प्रियंजुल को गंभीर चोटें आई। भुक्तभोगी द्वारा सूचना देने पर पुलिस ने दो नामजद समेत आठ 10 लोगों के खिलाफ 147 ,148 ,307, 325,395, 427 ,452,7 CLA आईपीसी का मुकदमा दर्ज कर लिया। एक माह तक लाइन बाजार पुलिस और विवेचक सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों के दबाव में आरोपियों को बचाते रहे।
हलांकि इस घटना को लेकर पत्रकार संगठन भी पत्रकार के साथ खड़े होकर संघर्ष करते रहे। पंचायत चुनाव के कारण आन्दोलन भले ही शांत रहा लेकिन अधिकारीयोंपर बराबर दबाव बना रहा। अपराधियों की मदत कल भी सत्ता धारी दल के लोग कर रहे थे और आज भी मददगार बने हुए हैं। कुछ एक अभियुक्त को तो एक विधायक ने थाने से छोड़वाने का भी काम किया था।
यहां एक सवाल तो खड़ा होता है कि जिन अपराधियों को घटना के बाद तत्काल जेल भेजना चाहिए था उसे इतनी विलम्ब से क्यों भेजा गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी केवल एक अभियुक्त जेल भेजा गया शेष कब सलाखों के पीछे होंगे इस सवाल का जवाब जन मानस जरूर जानना चाहते हैं।
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